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कोविड अस्पताल में अव्यवस्था की भरमार, परिसर में गंदगी का अंबार

संतकबीर नगर जिले के कोविड अस्पताल में अव्यवस्था की भरमार है। नियमित सफाई नहीं होने से परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। अस्पताल में बेड न होने से कई मरीज फर्श पर लेटकर इलाज करा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:39 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 11:39 PM (IST)
कोविड अस्पताल में अव्यवस्था की भरमार, परिसर में गंदगी का अंबार

संतकबीर नगर: जिले के कोविड अस्पताल में अव्यवस्था की भरमार है। नियमित सफाई नहीं होने से परिसर में गंदगी का अंबार लगा है। अस्पताल में बेड न होने से कई मरीज फर्श पर लेटकर इलाज करा रहे हैं। कुछ संक्रमितों के स्वजन घर से तख्त व चारपाई लेकर आए हैं।

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कोरोना वार्ड में सुविधा के नाम पर गंभीर मरीजों को आक्सीजन मिल रहा हैं लेकिन दवाओं का अभाव बना हुआ है। कहने को अस्पताल में बेड खाली हैं, लेकिन आधा दर्जन संक्रमितों को फर्श पर जगह मिली है।

झुंगियाबाबू निवासी रामकेश यादव ने बताया कि दो दिनों से उनके पिता राम अरुण यादव यहां भर्ती हैं। फर्श पर लिटाकर उनका इलाज किया जा रहा था। परेशान होकर वह खुद अपने घर से फोल्डिग चारपाई लेकर आए हैं। देवरिया गांव निवासी शेर अली के तीमारदार अकरम अली ने बताया कि वार्ड में सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हैं। वह तीन दिनों से यहां अपने पिता की सेवा में हैं परंतु झाडू नहीं लगा। नंदौर निवासी विनोद ने कहा कि उनके मरीज को आक्सीजन तो लगा दिया गया परंतु न तो दवा दी गई और न ही कोई इंजेक्शन ही लगाया गया। सांथा की सरिता देवी ने बताया कि उनकी मां भर्ती है परंतु पूरा दिन बीतने के बाद कोई डाक्टर देखने नहीं आया। किसी मरीज की मौत होने के काफी देर बाद शव को वार्ड से हटाया जाता है। इसका अन्य मरीजों की मानसिक दशा पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। कई बार यहां की अव्यवस्था को लेकर शिकायत भी की गई पर समस्या का समाधान नहीं कराया गया। ---------------------

अस्पताल की नियमित सफाई कराई जा रही है। चतुर्थश्रेणी के कर्मियों की कमी होने से थोड़ी समस्या आई है। आक्सीजन व दवाएं भी उपलब्ध हैं। बेड की कमी नहीं है। कई बेड खाली हैं पर कुछ मरीज बेड की जगह फर्श पर लेटकर इलाज करा रहे हैं।

डा. वीपी पांडेय, प्रभारी कोरोना अस्पताल ---------------------

अस्पताल में भर्ती हर मरीज की बेहतर देखभाल के निर्देश दिए गए हैं। इसकी समीक्षा भी की जा रही है। रही बात बेड की तो जमीन पर तत्काल राहत के लिए लिटाया जाता है। अब कोई बाहर से बेड लेकर आ रहा है तो इसकी जानकारी नहीं है।

डा. इंद्र विजय विश्वकर्मा, सीएमओ


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