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UP News: झोलाछाप डॉक्टर ने किया ऑपरेशन, जुड़वां बच्चों समेत महिला की मौत

Sambhal News थाना बानियाठेर क्षेत्र के कस्बा नरौली में एक झोलाछाप के क्लीनिक पर प्रसव के लिए आई महिला का ऑपरेशन कर दिया गया। इसमें पैदा हुए जुड़वां बच्चों समेत महिला की मौत हो गई। घटना को लेकर हंगामा भी हुआ। मौके पर पहुंचे नोडल अधिकारी ने क्लीनिक सील कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता कराने का प्रयास भी किया गया।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Published: Mon, 08 Apr 2024 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2024 12:00 PM (IST)
झोलाछाप डॉक्टर ने किया ऑपरेशन, जुड़वां बच्चों समेत महिला की मौत

जागरण संवाददाता, चंदौसी। थाना बानियाठेर क्षेत्र के कस्बा नरौली में एक झोलाछाप के क्लीनिक पर प्रसव के लिए आई महिला का ऑपरेशन कर दिया गया। इसमें पैदा हुए जुड़वां बच्चों समेत महिला की मौत हो गई। घटना को लेकर हंगामा भी हुआ।

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मौके पर पहुंचे नोडल अधिकारी ने क्लीनिक सील कर दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में समझौता कराने का प्रयास भी किया गया, लेकिन मृतका के स्वजन मुकदमा दर्ज कराने पर अड़े रहे। पीड़ित पक्ष द्वारा शव की अंत्येष्टि किए जाने के बाद तहरीर देने की बात की जा रही है।

बीते शुक्रवार की रात ग्राम बेहटा साहू निवासी मनोज कुमार की पत्नी को प्रसव पीढ़ा हुई तो गांव की ही आशा जगवती सरकारी अस्पताल ले जाने के बजाय उसे नरौली कस्बा में किसान सेवा सहकारी समिति के निकट स्थित एक झोलाछाप के क्लीनिक पर प्रसव कराने के लिए स्वजन के साथ महिला को लेकर पहुंच गई।

शनिवार को झोलाछाप ने नार्मल डिलीवरी न होने की बात कहते हुए उसका ऑपरेशन कर दिया। इसमें उसको जुड़वां बच्चे पैदा हुए जिनकी मृत्यु हो गई। बाद में महिला की भी हालत बिगड़ गई। यह देख झोलाछाप ने उसे मुरादाबाद भेज दिया। रास्ते में ही महिला ने भी दम तोड़ दिया।

जानकारी होने पर झोलाछाप अपना क्लीनिक बंद कर फरार हो गया। यहां मृतका पक्ष के लोगों ने हंगामा भी किया और इस बारे में आक्रोशित मृतका के पति मनोज द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां शिकायत की गई।

जब सीएमओ के यहां से रात में करीब साढ़े दस बजे जानकारी मिली तो नोडल अधिकारी डा. विश्वास मौके पर पहुंचे और उन्होंने पहले से ही बंद क्लीनिक को सील कर दिया।

इधर मृतका के स्वजन ने रविवार की शव का अंतिम संस्कार कर दिया। कहा कि झोलाछाप के खिलाफ थाने में तहरीर दी जाएगी।

बता दें कि जिले भर में सैकड़ों की संख्या में झोलाछाप बिना रजिस्ट्रेशन के अपने क्लीनिक चला रहे हैं, जिनसे विभाग के ही लोगों द्वारा वसूली की जाती है और उन्हें मरीजों की जिंदगी से खिलबाड़ का मौका दिया जाता है। यह पहली घटना नहीं है। आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। यह झोलाछाप नोडल अधिकारी की नाक नीचे ही अपनी दुकानें चला रहे हैं। वजह साफ है कि यह सब आर्थिक समझौते के कारण हो रहा है।

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