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भगवान भास्कर की पूजा कर भक्ति में डूबे श्रद्धालु

बेहट में 24 घंटे के निर्जल उपवास के संकल्प के साथ अपने आवास की तीसरी मंजिल पर जल में खड़े होकर ठंड से कांपते हाथों से भगवान भास्कर की भोर में उपासना करते हुये रेणू झा की भक्ति को हर किसी ने प्रणाम किया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 11:12 PM (IST)
भगवान भास्कर की पूजा कर भक्ति में डूबे श्रद्धालु

सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में 24 घंटे के निर्जल उपवास के संकल्प के साथ अपने आवास की तीसरी मंजिल पर जल में खड़े होकर ठंड से कांपते हाथों से भगवान भास्कर की भोर में उपासना करते हुये रेणू झा की भक्ति को हर किसी ने प्रणाम किया। अवसर था छठ पूजा का पर्व, जो मूल रूप से बिहार निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित मुरारी झा के आवास पर पिछले तीन दिनों से अनुष्ठानपूर्वक चल रहा था और उनकी मां इस संकल्प को पूरा कर रही थी।

प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाए जाने वाले छठ पूजा का पर्व इस बार कोविड 19 से सुरक्षा के कारण सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार मनाया जा रहा था। कस्बे का यह परिवार प्रत्येक वर्ष बड़ी नहर पर इस आयोजन को करता आया है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं सका। परिवार ने अपनी इस धार्मिक परंपरा को अपने घर की दूसरी मंजिल की छत पर गुब्बारों से मंडप सजाकर आयोजित किया। इस बार के इस आयोजन के साक्षी कस्बे के धर्मपरायण महिला-पुरुष भी हुये। शुक्रवार को शुरू हुये इस पर्व का पारायण शनिवार की भोर के बाद भगवान भास्कर के उदय के समय महिला-पुरुष भक्तों के साथ विशेष पूजा अर्चना के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने नहर में पानी के थोड़ा अंदर जाकर सूर्यदेव को आ‌र्घ्य अर्पित किया। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति व बच्चों की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए मन्नतें मांगी। ऐसा माना जाता है कि छठ मइया सच्चे मन से मांगी गई मुराद को हमेशा पूर्ण करती हैं।


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