सर्दियों में रखे दिल का खास ध्यान, शीतलहर करेगी परेशान
रामपुर मौसम का मिजाज बदल रहा है। पहाड़ों पर हिमपात के कारण शुक्रवार रात से जिले में शीतलहर चलने लगी है। साथ ही कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। ऐसे में बुजुर्ग और दिल के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है।
रामपुर : मौसम का मिजाज बदल रहा है। पहाड़ों पर हिमपात के कारण शुक्रवार रात से जिले में शीतलहर चलने लगी है। साथ ही कोरोना का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। ऐसे में बुजुर्ग और दिल के मरीजों को खास ध्यान रखने की जरूरत है।
चिकित्सकों की मानें तो ऐसे मौसम में शरीर का तापमान कम हो जाता है और रक्तवाहिकाएं सिकुड़ने लगती हैं। इससे शरीर में खून का संचार अवरोधित होता है। शरीर में आक्सीजन और खून पहुंचाने के लिए हृदय को अधिक जोर लगाना पड़ता है। सर्दियों में वातावरण में मौजूद धूल के कण नीचे आ जाते हैं और सांस के जरिए शरीर में चले जाते हैं, जिससे छाती के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है और सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से एनजाइना (सीने में दर्द) का खतरा बढ़ जाता है और हार्ट फेल्योर हो सकता है।
वरिष्ठ फिजिशियन (एमडी) डा. विशेष अग्रवाल कहते हैं कि सर्दियों में बुजुर्ग और दिल के मरीज एनजाइना से बचने के लिए अपनी दिनचर्या में बदलाव करें। सुबह टहलने न जाएं। टहलने का समय शाम को चार से पांच बजे का रखें। सुबह धूप निकलने पर ही टहलने जाएं। इस मौसम में खून की नलियां सिकुड़ने लगती हैं। दिल को खून की सप्लाई कम हो जाती है और एनजाइना का खतरा बढ़ जाता है। एक बात का खास ध्यान रखें कि रात में वाशरूम जाना पड़े तो बिस्तर से एकदम उठकर न जाएं। पहले शाल या कोई गर्म कपड़ा लपेट लें। बच्चों का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों को सुबह और शाम को बाहर न जानें दें। उन्हें गर्म कपड़ों से पूरी तरह ढककर रखें। आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिक आदि न खाने दें।
कार्डियालाजिस्ट डा. राजीव अग्रवाल बताते हैं कि सर्दियों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में जो लोग पहले से ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, वे अपना ज्यादा ध्यान रखें। नियमित ब्लड प्रेशर की जांच करते रहें। हार्ट के मरीज सुबह टहलने न जाएं। घर में ही रहकर व्यायाम या योग कर सकते हैं। सर्दियों में लोग घर में ब्लोअर या रूम हीटर का प्रयोग करते हैं। इसका लगातार प्रयोग करने से कमरे में आक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है। ऐसे में हार्ट, ब्लड प्रेशर या सांस के मरीज को दिक्कत हो सकती है। सलाह है कि इनको लगातार न जलाएं। रात में जलाकर तो बिल्कुल भी न छोड़ें। बिना वजह बाहर न निकलें। बाहर जाना जरूरी हो तो गर्म कपड़ों से पूरी तरह ढककर जाएं। समय-समय पर डाक्टर से स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहें। इन बातों का रखें ध्यान
. सुबह जल्दी टहलने न जाएं, बल्कि धूप निकलने के बाद जाएं।
. ज्यादा व्यायाम न करें, क्योंकि थकान दिल पर दबाव डाल सकती है। थो़ड़ा-थो़ड़ा आराम करते रहें।
. बाहर निकलते समय गर्म कपड़ों से खुद को पूरी तरह ढककर रखें।
. सर्दियों में कालस्ट्राल बढ़ने लगता है। इससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। कालस्ट्राल सामान्य रखने के लिए चिकित्सक से सलाह लेते रहें।
. हाईपोथर्मिया ऐसी समस्या है जो सर्दियों में सभी दिल के मरीजों को हो जाती है। इससे बचने के लिए खुद को गर्म रखें।
. सीने में हल्की सी भी बेचैनी, पसीना, जबड़े, गर्दन, बाजू और कंधों में दर्द, सांस का टूटना बिल्कुल नजर अंदाज न करें। इन लक्षणों के नजर आने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।