पानी की कमी सिंचाई में बाधा
लालगंज, संवाद सहयोगी : ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाले बड़ी नहरों से निकली अल्पिकाओं में दो दशक से पानी नहीं आया है। ऐसे में इनका अस्तित्व समाप्त होने की ओर है।
विदित हो कि लालगंज क्षेत्र में नहरों का जाल बिछा है। ग्राम निहस्था, सातनपुर, मुबारकपुर, कुम्हड़ौरा, आलमपुर आदि गावो में नहरों में लंबे समय से पानी नही आया। अब तो किसानों को यह भी याद नहीं कि कितने साल पहले इन अल्पिकाओं में पानी आया था। हर साल केवल कागजों पर नहरों की सफाई होने के नाम पर धन का बंदरबांट किया जा रहा है। नहरें खर पतवार से पटी पड़ी हैं। किसान कातर नजरों से उनमें पानी आने का सुनहरा ख्वाब संजोए बैठे हैं। शायद उन्हें यह नहीं पता कि सिंचाई विभाग के कागजों पर पानी आ रहा है और उसी के अनुसार किसान सींच भी जमा कर रहे है। कुम्हड़ौरा गांव के प्रगतिशील किसान रमेश सिंह कहते है प्रमुख सचिव से शिकायत पर जांच टीम आई थी जो जांच करके चले गई लेकिन पानी अभी तक नहीं आया। चादा गाव निवासी योगेंद्र सिंह कहते है कि कई बार धरना प्रदर्शन किया गया लेकिन नतीजा हर बार आश्वासन तक ही सीमित रहा। नहरों में पानी के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। पूरे राना निवासी जनक दुलारी कहती हैं कि खेती और फसल दोनों सूख रही है। नहर का अस्तित्व ही समाप्त होता जा रहा है। ग्राम पूरे रजऊ मजरे बेलहनी निवासी शीतल दीन कहते हैं कि कई दशक हो गए नहरों में पानी नहीं आया और अब लगता है कि शायद कभी आएगा भी नहीं।