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अफजाल अंसारी की अपील खारिज करने की मांग लेकर हाई कोर्ट पहुंचे कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष, दलीलों में कही ये बात

गैंगस्टर एक्ट में चार वर्ष की सजा के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी की अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। गुरुवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति संजय सिंह के समक्ष पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय के अधिवक्ता ने अफजाल की अपील खारिज करने मांग की। इस दौरान गिरोह के अन्य सदस्य मुख्तार अंसारी का आपराधिक इतिहास कोर्ट के सामने रखा गया।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Thu, 23 May 2024 11:31 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 11:31 PM (IST)
अफजाल अंसारी की अपील खारिज करने की मांग लेकर हाई कोर्ट पहुंचे कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। गैंगस्टर एक्ट में चार वर्ष की सजा के खिलाफ सांसद अफजाल अंसारी की अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सोमवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। गुरुवार को हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति संजय सिंह के समक्ष पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय के अधिवक्ता ने अफजाल की अपील खारिज करने मांग की।

इस दौरान गिरोह के अन्य सदस्य मुख्तार अंसारी का आपराधिक इतिहास कोर्ट के सामने रखा गया। अफजाल को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनाई है। हाई कोर्ट में अपील दाखिल कर अफजाल ने सजा रद्द करने की मांग की है। हाई कोर्ट ने पहले जमानत तो दे दी थी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस पर अफजाल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। 

सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने के साथ हाई कोर्ट को 30 जून तक अपील पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। इसी दौरान पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के बेटे के साथ-साथ राज्य सरकार ने अफजाल की सजा बढ़ाने के लिए अपील दायर की है। 

सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव, वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी, उपेंद्र उपाध्याय अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय, वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्रा ने बहस की। 

गवाह को डराने-धमकाने का भी आरोप

पीड़ित पक्ष स्व. कृष्णानंद राय के पुत्र पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट कुमार सिंह ने दलील में कहा कि अफजाल अंसारी के खिलाफ की गई गैंगस्टर की कार्रवाई सही है। अफजाल अंसारी संगठित गिरोह के सदस्य हैं। उसके खिलाफ कई मुकदमे हैं। साथ ही गवाह को डराने-धमकाने का भी आरोप है। 

गवाहों के बयान का भी जिक्र कोर्ट के समक्ष किया गया। इसमें कहा गया था कि वर्ष 2005 में घटना हुई थी। इसके बाद पूरे क्षेत्र में भय का वातावरण गैंग के सदस्यों के भय से कोई भी थाने में मुकदमा या न्यायालय में साक्ष्य देने का साहस नहीं कर पाता था। आरोपी के गैंग का उद्देश्य राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक लाभ कमाना था। कई दलीलें दी गईं।

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