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प्रयागराज-लखनऊ के बीच कनेक्टिविटी को लेकर अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी, डेढ़ दशक बाद भी फोरलेन नहीं हो सका मार्ग

सरकार ने महाकुंभ 2025 को लेकर इस सड़क परियोजना को अपनी महात्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल कर लिया। इसके बाद भी यह सड़क महाकुंभ के पहले फोरलेन होते नहीं दिख रही है। जबकि इस सड़क के फोरलेन हो जाने से प्रयागराज से लखनऊ के बीच आवागमन में समय के साथ ही ईंधन की भी बचत हो सकेगी। हादसों पर अंकुश लग सकेगा तो कारोबार भी बढ़ेगा।

By GYANENDRA SINGH1 Edited By: Riya Pandey Mon, 20 May 2024 02:05 PM (IST)
प्रयागराज-लखनऊ के बीच कनेक्टिविटी को लेकर अफसरों की लापरवाही पड़ रही भारी, डेढ़ दशक बाद भी फोरलेन नहीं हो सका मार्ग
15 वर्ष बाद भी रायबरेली से प्रयागराज तक मार्ग नहीं हो सका फोरलेन

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। लगभग डेढ़ दशक पहले की बात है। लखनऊ-प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग रायबरेली से लखनऊ तक फोरलेन हो गया मगर रायबरेली से प्रयागराज तक यह हाईवे फोरलेन अब तक नहीं हो सका। कांग्रेस की सरकार ने लखनऊ से रायबरेली तक सड़क बेहतरीन बनवा दी और फिर भाजपा सरकार आने पर रायबरेली से प्रयागराज तक यह सड़क आज तक चौड़ी नहीं हो सकी। उच्च न्यायालय के जोर देने पर लगभग तीन वर्ष पहले इसका काम शुरू हुआ।

सरकार ने महाकुंभ 2025 को लेकर इस सड़क परियोजना को अपनी महात्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल कर लिया। इसके बाद भी यह सड़क महाकुंभ के पहले फोरलेन होते नहीं दिख रही है। जबकि इस सड़क के फोरलेन हो जाने से प्रयागराज से लखनऊ के बीच आवागमन में समय के साथ ही ईंधन की भी बचत हो सकेगी। हादसों पर अंकुश लग सकेगा तो कारोबार भी बढ़ेगा। प्रस्तुत है ज्ञानेंद्र सिंह की विशेष रिपोर्ट...

रायबरेली तक फोरलेन के लिए पिछले साल 1636 करोड़ पास

महाकुंभ 2025 को लेकर सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले प्रयागराज-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रयागराज से रायबरेली तक फोरलेन बनाने के लिए पिछले वर्ष अगस्त में ही सरकार से 1636 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं।

इसका काम भी शुरू हो गया है लेकिन उसकी गति इस तरह है कि महाकुंभ के पहले इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर अब संशय होने लगा है। इससे दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक जनसमागम में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। महाकुंभ ही नहीं मौजूदा समय में भी लोगों को प्रयागराज से लखनऊ आने-जाने में दिक्कत होती है। फोरलेन बन जाने के बाद जो दूरी तीन घंटे में तय हो सकती है, वही इस समय पांच घंटे में पूरी होती है।

हाईवे फोरलेन करने को दिए गए कड़े निर्देश

लखनऊ में 16 अगस्त 2023 को हुई शासन की शीर्ष समिति (अपेक्स कमेटी) की बैठक में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इस हाईवे के फोरलेन का काम शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए थे। लखनऊ से रायबरेली तक 82 किमी तक हाईवे पहले से फोरलेन है। रायबरेली से प्रयागराज तक भी यह हाईवे फोरलेन करने को कड़े निर्देश दिए गए।

प्रयागराज से रायबरेली के बीच जगतपुर, बाबूगंज, ऊंचाहार व आनापुर में कुल 24.14 किमी का बाईपास व सई नदी पर पुल बन रहा है। नवाबगंज से मलाक हरहर तक ज्यादा ट्रैफिक होने के चलते लगभग 8.5 किमी तक हाईवे को फोरलेन के बजाय सिक्सलेन कराया जाएगा।

लालगोपालगंज से नवाबगंज तक 18 किमी तक फोरलेन बनेगा। इस हाईवे से लखनऊ के साथ ही बरेली, मुरादाबाद समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों के साथ उत्तराखंड से आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलने की उम्मीद से ही प्रोजेक्ट का कार्य शीघ्र कराने को कहा गया था।

नए फाफामऊ पुल से इस हाईवे को जोड़ने का प्रस्ताव

फाफामऊ के पास मलाक हरहर से नवाबगंज तक हाईवे को फोरलेन के बजाय सिक्सलेन कराने का प्रस्ताव है। गंगा पर बन रहे फाफामऊ सिक्सलेन एक्स्ट्रा डोज पुल को इस हाईवे से जोड़ने की योजना है। महाकुंभ में कनेक्टीविटी को लेकर प्रयागराज-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे अहम है।

बताते हैं कि लालगोपालगंज से नवाबगंज तक 18 किमी तक फोरलेन पर भी सहमति बन चुकी है। पहले रायबरेली से लालगोपालगंज तक 63 किमी तक ही फोरलेन बनाने का टेंडर हुआ था, जिसे बाद में बढ़ाया गया।

गंगा एक्सप्रेस-वे से इस फोरलेन को कनेक्ट करने की मांग

प्रयागराज-लखनऊ फोरलेन को गंगा एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट करने की भी मांग उठ गई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र गिरि, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह एवं राधाकांत मिश्र, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह गौर भी इस मांग के पक्षधर हैं। इनका कहना है कि इससे गंगा एक्सप्रेस-वे की उपयोगिता और भी बढ़ जाएगी।

दिसंबर 2024 तक फोरलेन करने का दावा

प्रयागराज से रायबरेली तक फोरलेन का कार्य तीन पैकेज में हो रहा है। अभी तक पहले पैकेज का 55 प्रतिशत, दूसरे का 30 प्रतिशत कार्य पूरा हो सका है। तीसरे पैकेज का अभी तक काम ही नहीं शुरू हो सका है। अधिकारियों का कहना है कि तीसरे पैकेज का काम जून में शुरू होगा, जो छह माह में पूरा हो जाएगा। बावजूद इसके अधिकारियों का दावा है कि दिसंबर 2024 तक इस हाईवे के फोरलेन का काम पूरा हो जाएगा।

आठ हजार से ज्यादा वाहन चलते हैं रोज

प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग व्यस्ततम हाईवे में से एक है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है इस मार्ग पर रोज आठ से नौ हजार छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही होती है। इनमें कार की संख्या सबसे ज्यादा है। साथ ही वीआइपी के भी काफी वाहन शामिल होते हैं। यह

आंकड़ा पिछले वर्ष के एनएचएआइ के सर्वे का है। माना जा रहा है कि अब इस हाईवे पर और भी वाहन बढ़ गए होंगे।

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