World Cancer Day 2021: हंसते-खेलते बच्चों की जिंदगी लील रहा रक्त कैंसर
सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ में 2017 से अबतक 450 से अधिक रक्त कैंसर से पीड़ित बच्चे भर्ती हो चुके हैं प्रत्येक वर्ष 70 से 80 नए विभिन्न रक्त कैंसर से पीड़ित बच्चे समाने आ रहे हैं तो नियमित उपचार से 70 फीसद ठीक भी हो रहे हैं।
नोएडा [आशीष धामा]। आधुनिकता के दौर में कब हंसते-खेलते बच्चे कैंसर की चपेट में आ जाए कुछ कहना संभव नहीं है, लेकिन समय पर पता चल जाए तो कैंसर का खात्मा सौ फीसदी संभव है। सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ में 2017 से अबतक 350 रक्त कैंसर से पीड़ित बच्चे भर्ती हो चुके हैं, प्रत्येक वर्ष 70 से 80 नए विभिन्न रक्त कैंसर से पीड़ित बच्चे समाने आ रहे हैं तो नियमित उपचार से 70 फीसद ठीक भी हो रहे हैं। हालांकि बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए उन्हें पांच साल नियमित जांच करानी होगी। इस अवधि में लक्षण न मिलने के बाद ही मरीज को पूरी तरह से ठीक माना जाता है।
दो से नौ साल के बीच 80 से 90 फीसद बच्चे रक्त कैंसर का शिकार बन रहे हैं। अधिकांश बच्चे ल्यूकेमिया नामक कैंसर से पीड़ित है, हालांकि यह कहना मुश्किल है कि कब और किसको कौन का कैंसर हो जाए। कैंसर की रोकथाम के लिए बेहतर पोषण और इंफेक्शन से बचाव बेहद अहम है। चिकित्सकों का कहना है कि यदि शुरुआती लक्षणों के आधार पर रक्त की जांच में कैंसर की आशंका समझ आ रही है, तो फिर बोन मेरो, सीटी स्कैन, एमआरआइ, सोनोग्राफी जैसी जांच की आवश्यकता होती है। इसके उपचार में सर्जरी, कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी विकल्प कैंसर के प्रकार और स्टेज के अनुसार चुने जाते हैं।
चार कैंसर पीड़ित बच्चों ने दी कोरोना को मात
कोरोना महामारी का हर प्रकार के लोगों में दखल रहा है। चाइल्ड पीजीआइ में भर्ती कैंसर पीड़ित बच्चे भी कोरोना से अछूते नहीं रहे। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होने के बावजूद बच्चों ने बुलंद हौसलों से कोरोना को मात दी। इनमें कासगंज निवासी 14 वर्षीय किशोरी, दिल्ली निवासी 4 वर्षीय किशोरी, किडनी के ट्यूटर से पीड़ित पांच वर्षीय किशोर और सीएलएम पीड़ित किशोर शामिल है।
कैंसर पीड़ित बच्चों को दी जाती है शिक्षा
चाइल्ड पीजीआइ में इस समय अलग-अलग कैंसर से पीड़ित 20 बच्चे है। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक अस्पताल पहुंचते हैं। बच्चों का मनोरंजन के लिए अस्पताल में विशेष सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खेलने से लेकर टीवी तक की व्यवस्था अस्पताल में हैं।
रक्त कैंसर के लक्षण
- बुखार
- गले में गांठ
- खून की कमी
- नाक और मुंह से रक्त आना
- सूजन आना
बच्चों में कैंसर आम हो गया है, हालांकि कारण स्पष्ट नहीं है। कैंसर का चौथी स्टेज में भी इलाज संभव है, हर वर्ष चाइल्ड पीजीआई में 70 फीसद बच्चे कैंसर से स्वस्थ हो रहे हैं, इससे घबराने की नहीं, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है।
डॉ. नीता राधाकृष्णन, एचओडी हिमेटालोजी एंड आन्कोलाजी विभाग, चाइल्ड पीजीआई सेक्टर-30
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