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नए संसद भवन का डिजाइन तैयार करने वाली कंपनी ने मास्टर प्लान 2041 के लिए दिखाई रुचि

यमुना प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 तैयार कराने जा रहा है। इसे तैयार करने के लिए कंपनी चयन की प्रक्रिया चल रही है। मास्टर प्लान तैयार करने में पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इन कंपनियों की प्राधिकरण कार्यालय में बुधवार को तकनीकी बिड खोली गई।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 07:56 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 07:59 PM (IST)
नए संसद भवन का डिजाइन तैयार करने वाली कंपनी ने मास्टर प्लान 2041 के लिए दिखाई रुचि
यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए पांच कंपनियां सामने आई हैं।

ग्रेटर नोएडा [अरविंद मिश्रा]। यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए पांच कंपनियां सामने आई हैं। नए संसद भवन का डिजायन तैयार करने वाली एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने भी मास्टर प्लान तैयार करने के लिए रुचि दिखाई है। कंपनी चयन के लिए यमुना प्राधिकरण में बुधवार को तकनीकी बिड खोली गईं। प्रस्तुतिकरण के बाद तकनीकी बिड में सफल कंपनियों को फाइनेंशियल बिड में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। चयनित कंपनी को दो माह में मास्टर प्लान तैयार करना होगा।

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यमुना प्राधिकरण मास्टर प्लान 2041 तैयार कराने जा रहा है। इसे तैयार करने के लिए कंपनी चयन की प्रक्रिया चल रही है। मास्टर प्लान तैयार करने में पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इन कंपनियों की प्राधिकरण कार्यालय में बुधवार को तकनीकी बिड खोली गई। प्रस्तुतिकरण के बाद फाइनेंशिल बिड के लिए कंपनियों का चयन होगा। तैयार मास्टर प्लान को बोर्ड से स्वीकृत किया जाएगा। प्रदेश सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद इसे एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

इन कंपनियों ने दिखाई है रुचि

-एलईए एसोसिएट्स साउथ एशिया प्रा. लि.

-एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्रा. लि.

-मार्स प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सर्विस प्रा. लि.

-वैपकोस लिमिटेड

-एजिस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्रा. लि.

कई नामचीन प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी हैं आवेदन करने वाली कंपनियां

एलईए एसोसिएट्स साउथ एशिया प्रा. लि.कंपनी कनाडा की है और कई प्रोजेक्ट बना चुकी है।वहीं भारतीय कंपनी एचसीपी ने नए संसद भवन के डिजाइन के अलावा गुजरात हाइकोर्ट, आइआइएम अहमदाबाद का नया कैंपस, पंचामृत भवन, ईडन गार्डन आदि की डिजाइन तैयार की है। वैपकोस लिमिटेड सरकारी वाली स्वामित्व की कंपनी है। बहुराष्ट्रीय कंपनी एजिस इंडिया पोर्ट, ट्रासंपोर्ट, रेलवे से संबंधित कई प्रोजेक्ट किए हैं। यमुना प्राधिकरण में विकसित होने वाली फिल्म सिटी के लिए भी कंपनी ने दावेदारी की और अंतिम दो में जगह बनाई थी।

मास्टर प्लान 2021 में बीस हजार हेक्टेयर है प्राधिकरण का क्षेत्र

यमुना प्राधिकरण के फेज एक के मास्टर प्लान में शामिल क्षेत्र करीब बीस हजार हेक्टेयर है। इसमें गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर का क्षेत्र शामिल है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए आरक्षित पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल करते हुए 2021 मास्टर प्लान में यह क्षेत्रफल करीब 25 हजार हेक्टेयर है।

मास्टर प्लान 2041 में आठ से दस हजार बढ़ जाएगा क्षेत्रफल

यमुना प्राधिकरण में अधिसूचित कई गांव मास्टर प्लान 2041 में शामिल होंगे। इससे प्राधिकरण के मास्टर प्लान के तहत आने वाला क्षेत्रफल आठ से दस हजार हेक्टेयर और बढ़ जाएगा।

नया शहर और लॉजिस्टिक हब का क्षेत्र होगा शामिल

मास्टर प्लान 2041 में नया शहर शामिल होगा। इसे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सामने यमुना एक्सप्रेस वे की दूसरी ओर बसाने की योजना है। अभी यह क्षेत्र हरित उपयोग में है। वहीं, एयरपोर्ट से बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन के बीच का क्षेत्र भी मास्टर प्लान में शामिल होगा। इसे लॉजिस्टिक, वेयर हाउसिंग आदि गतिविधियों के लिए नियोजित किया जाएगा। मास्टर प्लान तैयार करने वाली कंपनी भविष्य के विकास की जरूरत को देखते हुए विभिन्न गतिविधियों के लिए सेक्टर का नियोजन करेगी।

तीन चरण में प्रस्तावित है गौतमबुद्धनगर से आगरा तक यमुना प्राधिकरण का विकास

यमुना प्राधिकरण में गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा जिले के 1187 गांव अधिसूचित हैं। इनका 268862 हेक्टेयर अधिसूचित क्षेत्र है। सबसे अधिक अधिसूचित क्षेत्र 88968 हेक्टेयर हाथरस जिले में है।

प्राधिकरण तीन फेज में अधिसूचित क्षेत्र का नियोजन करेगा। पहले फेज में गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर शामिल हैं। दूसरे फेज में मथुरा, अलीगढ़, हाथरस क्षेत्र व तीसरे में आगरा क्षेत्र शामिल है। फेज दो में राया व टप्पल बाजना को विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इनका मास्टर प्लान स्वीकृत हो चुका है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

मास्टर प्लान 2041 तैयार करने के लिए पांच कंपनियों ने रुचि दिखाई है। प्रस्तुतिकरण व फाइनेंशियल बिड के बाद अंतिम रूप से कंपनी का चयन किया जाएगा। दो माह में कंपनी को मास्टर प्लान तैयार करना होगा।

डा. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण

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