Move to Jagran APP

YEIDA: उत्तर प्रदेश के इस शहर में उद्यमी बनने के सपने का साकार करेंगे किराये के शेड

Yamuna Expressway Industrial Development Authority यमुना प्राधिकरण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई योजना फ्लेटिड इंडस्ट्री पर काम कर रहा है। इसके तहत उद्योगों को भूखंड का आवंटन नहीं होगा। बल्कि शेड बनाकर उन्हें किराए पर दिया जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 08:56 AM (IST)
YEIDA: उत्तर प्रदेश के इस शहर में उद्यमी बनने के सपने का साकार करेंगे किराये के शेड
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देने की तैयारी।

ग्रेटर नोएडा [अरविंद मिश्रा]। सूक्ष्म लघु एवं मझौले (एमएसएमई) उद्योग लगाने वालों के लिए यमुना प्राधिकरण एक अच्छी सौगात देने की तैयारी में है। जमीन खरीद पर भारी भरकम निवेश किए बगैर उद्योग लगाने की सुविधा मिलेगी। प्राधिकरण औद्योगिक भूखंडों का आवंटन करने के बजाए शेड बनाकर उन्हें किराए पर देगा। जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

loksabha election banner

यहां पर बता दें कि औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन की कीमतें काफी अधिक हैं। उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण उन्हें रियायती दरों पर जमीन आवंटित करते हैं। इसके बावजूद उद्योग लगाने के लिए पूंजी का बड़ा हिस्सा जमीन के निवेश में खर्च होता है। इस वजह से युवा उद्योग लगाने के लिए आगे नहीं आ पाते हैं।

यमुना प्राधिकरण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नई योजना फ्लेटिड इंडस्ट्री पर काम कर रहा है। इसके तहत उद्योगों को भूखंड का आवंटन नहीं होगा। बल्कि शेड बनाकर उन्हें किराए पर दिया जाएगा। उद्यमी अपनी जरूरत के हिसाब से शेड के लिए प्राधिकरण के साथ लघु या दीर्घ समय का अनुबंध कर सकेंगे। प्राधिकरण इसकी एवज में उद्यमियों से किराया वसूल करेगा। शेड का मालिकाना हक प्राधिकरण के पास रहेगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने भी पूर्व में इस योजना का विचार किया था, लेकिन इसे धरातल पर नहीं उतार सका है।

कम पूंजी में उद्योग शुरू करना होगा आसान

प्राधिकरण की योजना सफल हुई तो कम पूंजी के साथ उद्योग शुरू करना आसान हो जाएगा। जमीन खरीद में रकम खर्च करने के बजाए उसे कारोबार स्थापित करने या विस्तार करने में खर्च किया जा सकेगा।

कम समय में शुरू हो सकेगा कारोबार

शेड किराये पर मिलने का एक फायदा यह भी होगा कि निर्माण कार्य में लगने वाला समय बच जाएगा। कम समय में उद्योग शुरू किया जा सकेगा। इसके साथ ही फैक्ट्री निर्माण में आने वाली तमाम तरह के पेचीदगी समाप्त हो जाएंगी। प्राधिकरण क्षेत्र में आवंटित भूखंड पर पांच साल में निर्माण की अनिवार्यता लागू हो चुकी है। निर्माण न करने पर तय समय के बाद आवंटन स्वत: निरस्त होने का नियम है। औद्योगिक शेड से उद्यमियों की यह चिंता भी समाप्त हो जाएगी।

डॉ. अरुणवीर सिंह (सीईओ, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) का कहना है कि फ्लेटिड इंडस्ट्री का प्रस्ताव आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। बोर्ड से अनुमति के बाद इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.