फाइलों में दफन हो गई नोएडा प्राधिकरण की सिग्नेचर बिल्डिंग, अधिकारियों ने क्यों लिया परियोजना को रद्द करने का फैसला
Noida News पांच वर्ष पहले परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी यूपीआरएनएन को सौंपी गई थी जिसमें उसने 26 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी जमा की थी लेकिन वर्ष 2023 में एजेंसी की ओर से सात करोड़ रुपये का बिल सौंपा गया जिसका भुगतान करने से प्राधिकरण ने इनकार कर दिया और उसकी 26 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी भी जब्त कर ली।
कुंदन तिवारी, नोएडा। कंवेंशन एंड हैबिटेट सेंटर के रूप में सेक्टर-94 में 97 हजार वर्ग मीटर (भूखंड संख्या-4 व 5) में नोएडा प्राधिकरण की सिग्नेचर बिल्डिंग तैयार हो रही थी, जो अब फाइलों में हमेशा के लिए दफन हो गई है।
शीर्ष अधिकारियों ने परियोजना को रद्द करने का निर्णय लिया है, तर्क दिया है कि नोएडा प्राधिकरण के पास तमाम व्यवसायिक भूखंड खाली पड़े है, जिन्हें खरीदार नहीं मिल रहे है। ऐसे में एक नई व्यवसायिक परियोजना पर भारी भरकम राशि खर्च करना उचित कदम नहीं है।
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के किनारे तमाम बिल्डरों की ओर से व्यवसायिक जगहों को बेचा जा रहा है, वह भी बिक नहीं रहे है। इसलिए इस परियोजना पर पैसे की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। परियोजना बंद करना सही निर्णय होगा।
आगे शासन के चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा कि इस व्यवसायिक जगह किस प्रकार से इस्तेमाल होगा। प्राधिकरण के इस निर्णय से उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को तगड़ा झटका लगा है, क्योंकि एजेंसी ने इस परियोजना पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च चुकी है, जिसे प्राधिकरण ने परियोजना के साथ ही रद्द कर दिया है।
बता दें कि पांच वर्ष पहले परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी यूपीआरएनएन को सौंपी गई थी, जिसमें उसने 26 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी जमा की थी, लेकिन वर्ष 2023 में एजेंसी की ओर से सात करोड़ रुपये का बिल सौंपा गया, जिसका भुगतान करने से प्राधिकरण ने इनकार कर दिया और उसकी 26 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी भी जब्त कर ली।
हालांकि चार करोड़ रुपये का और बिल भी यूपीआरएनएन की ओर से प्राधिकरण को दिया जाना था, लेकिन प्राधिकरण की ओर से इस प्रकरण में काम नहीं कराने के निर्णय से यह परियोजना खटाई में पड़ गई। अधिकारियों की ओर से कहा गया कि परियोजना अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) माडल तैयार कराई जाएगी। इसका प्रस्ताव जल्द बोर्ड में लाया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पांच भागों में पूरी होगी परियोजना
कन्वेंशन और हैबिटेट सेंटर की इमारत ग्रीन प्लेटिनम रेटिंग बनाई जाने थी, जिसमें दो मंजिला पार्किंग मैकेनिकल पार्किंग निर्धारित थी। निर्माण कंसलटेंट कंपनी ने इस इमारत का ले आउट तैयार किया था, जिसने विदेश में कई बड़ी बिल्डिंग का डिजाइन तैयार चुकी है।
भाग-1 को वेस्ट ब्लाक जिसमें कुल 21,659 वर्गमीटर क्षेत्र, भाग-2 सेंट्रल ब्लाक इसमें 12,924 वर्गमीटर व भाग-3 को ईस्ट ब्लाक इसको 15,691 वर्गमीटर में बांटा गया है। इसके अलावा भाग-4 होटल के लिए होगा इसके लिए 1980 वर्गमीटर जमीन आरक्षित की गई।
यह था परियोजना का प्रारूप
- कुल बिल्टअप एरिया-1,58189 वर्गमीटर
- भवन की ऊंचाई- दो बेसमेंट सहित 151 मीटर
- पार्किंग- 3579 कार
- कुल लागत- 684.50 करोड़ रुपये
- सिविल कार्य- 395.26 करोड़ रुपये जाएंगे।
- इलेक्ट्रिक कार्य-125.38 करोड़
- अन्य मद-163.86 करोड़ रुपये
- मिक्स लैंड पर बनाई जाने वाली इमारत के टाप फ्लोर का प्रयोग होगा आवासीय।
- 2050 और 750 सीटिंग क्षमता के आडिटोरियम
- 150 कमरों का एक होटल
- छह बैंक्वेट हाल क्षमता 400 से 500 होगी
- ओपन एयर थियेटर
- पार्किग व्यवस्था के लिए कांप्लेक्स
- सेक्टर-94 से मेट्रो के जरिये सीधे प्रवेश की व्यवस्था
- प्रदर्शनी के अलावा अलग से एक्टिविटी एरिया
यह थी खासियत
- सभी जगह एलइडी लाइट
- ग्रीन बिल्डिंग के रूप में होगा निर्माण
- लगभग .5 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन
- स्मार्ट बिल्डिंग कांसेप्ट के जरिये बनेगी इमारत
- परिसर में लोगों को मिलेगा स्मार्ट कार्ड से प्रवेश
- रेस्तरां व होटल में सोलर वाटर हीटर व सोलर वाटर गीजर
- पावर बैकअप के लिए गैस जनरेटर
- विद्युत वाहनों के लिए चार्जिग प्वाइंट
- सौ प्रतिशत वातानुकूलित
- सीवरेज का सौ फीसद शोधन
- पेयजल व अन्य प्रयोग के लिए पानी की दो तरह की लाइनें
- एमबीआर एसटीपी
- सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्रावधान
- ऑटोमेटिक पार्किग विद इलेक्ट्रॉनिक डिसप्ले
प्रथम चरण में यह होना था निर्माण
- ब्लाक-अनुमानित क्षेत्रफल- एफएआर (वर्ग मीटर)
- हैबिटेट सेंटर- 1980- 35,000
- कंवेंशन सेंटर- 42,766- 27,088
- कुल- 97,000- 4,14,068
तमाम व्यवसायिक भूखंड प्राधिकरण के पास उपलब्ध है, जिन्हें बेचने का प्रयास किया जा रहा है। इस परियोजना को स्थगित कर दिया गया है। आगे चर्चा के बाद इस पर निर्णय होगा।
-डॉ लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण