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Air Pollution: नोएडा में घरों में ‘कैद’ लोग, एयर प्यूरीफायर भी नहीं दे रहा राहत; 500 तक पहुंच रहा AQI

नोएडा की हवा इस कदर प्रदूषित हो चुकी है कि घरों में एयर प्यूरीफायर लगाने के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। घरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक में पीएम 2 .5 का स्तर 500 तक पहुंच रहा है। 24 घंटे तक एयर प्यूरीफायर चलाने के बाद ही हवा का स्तर 50 के एक्यूआइ तक पहुंच रही है।

By Vaibhav TiwariEdited By: Abhishek TiwariPublished: Sun, 05 Nov 2023 08:08 AM (IST)Updated: Sun, 05 Nov 2023 08:08 AM (IST)
नोएडा में घरों में ‘कैद’ लोग, एयर प्यूरीफायर भी नहीं दे रहा राहत

वैभव तिवारी, नोएडा। प्राधिकरण व प्रशासन की विफलता से दूषित हवा घर में भी लोगों की सांस को संकट में डाल रही है। एयर प्यूरीफायर लगाने के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है।

घरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक में पीएम 2 .5 का स्तर 500 तक पहुंच रहा है। 24 घंटे तक एयर प्यूरीफायर चलाने के बाद ही हवा का स्तर 50 के एक्यूआइ, तक पहुंच रही है।

लोग घरों में मास्क लगाकर रह रहे हैं। अस्थमा मरीजों को दिनभर पंप लेना पड़ रहा है। इसके लिए घर में स्नेक प्लांट व सोसायटी में पानी के छिड़काव सहित अन्य जतन भी लोग कर रहे।

केस - 1

पीएम 2. 5 का स्तर 500, 24 घंटे एयर प्यूरीफायर चलाने पर 45 

सेक्टर- 79 स्थित हिल्सटन अर्बटेक सोसायटी में रहने वाले दुश्यंत खुराना बताते हैं कि ढाई वर्ष की बेटी है। वह रात में सो नहीं पा रही है। घर में 24 घंटे तक एयर प्यूरीफायर चला रहे हैं। इससे पीएम 2. 5 का स्तर 45 पहुंच रहा है। पत्नी को अस्थमा की समस्या है। सांस लेने में समस्या होने के कारण पत्नी को लगातार पंप लेना पड़ रहा है।

सेक्टर- 79 स्थित हिल्स्टन अर्बटेक सोसायटी में गंभीर श्रेणी में वायु का स्तर । 

उनका कहना है कि एयर प्यूरीफायर चलने के एक घंटे बाद घर में वायु की गुणवत्ता का स्तर नियंत्रित होता है। घर में खिड़की व दरवाजे को भी बंद रखना पड़ रहा है। सेक्टर- 79 के अनिल तिवारी ने बताया कि आंखाें में जलन, बीपी, कफ व सांस लेने में समस्या के कारण एयर प्यूरीफायर चला रहे, लेकिन इससे बंद कमरे में ही राहत मिल रही।

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केस - 2

बंद कमरे में ही काम कर रहा एयर प्यूरीफायर 

सेक्टर- 128 स्थित गोल्फ विला में रहने वाले एसके माहेश्वरी बताते हैं कि ढाई सौ स्क्वायर फीट के कमरे में एक हजार स्क्वायर फीट का सबसे आधुनिक प्यूरीफायर लगाया है। बावजूद इसके एक घंटे में बंद कमरे में भी प्रदषूण का स्तर नियंत्रित नहीं हो सका है। उन्हाेंने बताया कि शनिवार दोपहर के समय में कमरा बंद कर

प्यूरीफायर चलाया। इस दौरान पीएम 2.5 व पीएम 10 का स्तर 330 था। इसके एक घंटे बार दोबारा से स्तर देखा तो यह 175 पर पहुंचा हुआ था। उन्होंने कहा कि प्रशासन, प्राधिकरण सहित अन्य कार्यदायी संस्था व जनप्रतिनिधियों के कारण दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर बन चुका है।

सभी कमरे में लगाया प्यूरीफायर, मध्यम श्रेणी में रह रही हवा 

सेक्टर - 30 में रहने वाले प्रमोद यादव ने बताया कि घर के सभी कमरे में एयर प्यूरीफायर लगाया हुआ है। इसको कमरा बंद करके चलाना पड़ता है। अधिकतर समय यह पीले व लाल रंग में ही रहता है।

रात में कमरा बंद कर चलाने के बाद ही हरे रंग की लाइट जलना शुरू होती है। सेक्टर- 75 स्थित द जेवेल आफ नोएडा सोसायटी की रहने वाले राजश्री चतुर्वेदी ने बताया कि करीब 300 तक एक्यूआइ रहता है। प्यूरीफायर चलाने के बाद स्तर 100 तक पहुंचता है।

उपाय जारी, समाधान नहीं 

सेक्टर- 48 स्थित बीसीडी ब्लाक में आरडब्ल्यूए की तरफ से स्प्रिंकलर मशीन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। अध्यक्ष पवन गोयल ने बताया कि सेक्टर में बहुत कम खर्च में प्रदूषण नियंत्रण का उपाय किया गया है।

सेक्टर- 93 में रहने वाले तनमय शंकर ने अपने घर में स्नेक पौधों की कई प्रजाति लगाकर प्रदूषण को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इससे बहुत राहत नहीं मिल रही।


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