Move to Jagran APP

Farmers Hunger Strike: भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

रविवार सुबह से शुरू हुई भूख हड़ताल को किसान आयोग का गठन नहीं होने व नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पूरी होने तक जारी रखने का एलान किया। उन्होंने कहा कि हम अपने आंदोलन को किसी तरह से कमजोर नहीं होने देंगे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 09:55 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 09:55 PM (IST)
Farmers Hunger Strike: भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल
भानु के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की।

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। नए कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। रविवार सुबह से शुरू हुई भूख हड़ताल को किसान आयोग का गठन नहीं होने व नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पूरी होने तक जारी रखने का एलान किया।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि हम अपने आंदोलन को किसी तरह से कमजोर नहीं होने देंगे। उनके हक की लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। अगर भूख हड़ताल के दौरान उनकी जान भी चली जाती है तो उन्हें इस बात कोई गम नहीं रहेगा। रविवार को सिर्फ उन्होंने भूख हड़ताल शुरू की है, लेकिन रविवार को पार्टी के कुछ अन्य लोग भी इस भूख हड़ताल में शामिल होंगे।

भूख हड़ताल पर बैठे प्रदेश अध्यक्ष को नोएडा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त करने से मना कर दिया। वहीं किसानों ने देर शाम तक भूख हड़ताल पर बैठे प्रदेश अध्यक्ष की मेडिकल जांच नहीं कराए जाने पर नाराजगी जताई है। इससे पूर्व धरना स्थल पर निर्भया दुष्कर्म मामले में आरोपितों की पैरवी करने वाले वकील एपी सिंह पहुंचे। उन्होंने बताया कि आरोप लगाया कि सरकार नए कानूनों से उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की गई है।

किसान को गोला-लाठी लगाकर जताया विरोध

सेक्टर-95 स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर पिछले 12 दिन से आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) के कार्यकर्ताओं ने धरने में मौजूद एक किसान को गोला-लाठी लगाते हुए केंद्र की सरकार को संदेश दिया कि यदि कानून खारिज नहीं किए गए, तो इसी तरह सरकार भी गोला लाठी से बंधने को तैयार रहे। संगठन प्रवक्ता राजीव मलिक ने बताया कि गोला-लाठी एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि प्रतिद्वंद्वी को बिना चोट पहुंचाएं एक जगह गठरी की तरह बांध कर डाल दिया जाता हैं।

विपक्षी के हाथों को बांधकर पैरों के पास ले जाकर घुटने मोड़कर एक लाठी फंसा दी जाती है। जिससे वह हिल नहीं पाता है। धरना स्थल पर एक किसान को गोला-लाठी लगाते हुए विरोध जताया है। गोला-लाठी लगाने का उद्देश्य यह है कि सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाना है। सोमवार सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे धरना स्थल पर मौजूद किसान अनशन पर बैठेंगे।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.