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मुजफ्फरनगर में राहत कार्य जारी, रात तक बहाल हो जाएगा रेल यातायात

खतौली में कल शाम को हुए बड़े हादसे के बाद रेल प्रशासन राहत कार्य में युद्धस्तर पर जुटा है। रेलवे ट्रैक से पलटे ट्रेन के डिब्बे हटाकर व्यवस्था सुचारु करने के प्रयास जारी हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 20 Aug 2017 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 20 Aug 2017 05:45 PM (IST)
मुजफ्फरनगर में राहत कार्य जारी, रात तक बहाल हो जाएगा रेल यातायात
मुजफ्फरनगर में राहत कार्य जारी, रात तक बहाल हो जाएगा रेल यातायात

मुजफ्फरनगर (जेएनएन)। पुरी से हरिद्वार जा रही कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के खतौली में कल शाम को दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद राहत कार्य चरम पर है। रेलवे प्रशासन को भरोसा है कि आज देर रात तक यहां से एक बार फिर रेल यातायात शुरू हो जाएगा।

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खतौली में कल शाम को हुए बड़े हादसे के बाद रेल प्रशासन राहत कार्य में युद्धस्तर पर जुटा है। आज दिन में रेलवे ट्रैक से पलटे ट्रेन के डिब्बे हटाकर व्यवस्था सुचारु करने के प्रयास जारी हैं। यहां पर एनआरडीएफ के करीब चार सौ कर्मचारी काम में जुटे हैं। बेपटरी हुईं तेरह में से नौ बोगियां ट्रैक से हटा ली गई हैं। 

रेलवे के अफसरों ने बताया कि 330 मीटर ट्रैक नया बनेगा। ट्रैक पर आज देर रात तक यातायात संचालन सुचारु होने की उम्मीद है। आज मृतक संख्या बढऩे की अभी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन घायलों की संख्या 158 तक पहुंच गई है। इस हादसे में 30 लोगों की मौत की सूचना है। 

जांच के लिए मौके पर पहुंचे रेलवे के इंजीनियर एस.के.सिंह का कहना है कि दो फिशप्लेट और चार नटबोल्ट गायब मिले हैं। इसके अलावा मौके से लोहे की दो रॉड भी मिली हैं। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आर.के. कुलश्रेष्ठ का कहना है कि इस घटना की जांच में करीब दो माह का समय लगने की उम्मीद है। 

एडीजी रेलवे विजय कुमार मौर्य ने बताया कि अभी तक 21 शव बरामद हुए हैं और इन सभी की पहचान कर ली गई है। हादसे में 97 लोग घायल हुए हैं। 26 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जबकि 71 लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं। इन सभी को मेरठ और मुजफ्फरनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने रेलवे और स्थानीय प्रशासन के काम की तारीफ करते हुए लापरवाही पर स्थानीय लोगों के पुलिस के साथ अभद्रता की बात को निराधार बताया।  इस हादसे में मरने वाले तीन लोग मुजफ्फरनगर जनपद के हैं।

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भोपा थाना क्षेत्र के गांव जटमुझेड़ा निवासी प्रमोद कुमार की इस हादसे में मौत हो गई। उसका शव नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम हाउस पर हंगामा काटा। इसके बाद डीएम और एसएसपी के प्रयास के बाद प्रमोद का शव जिला अस्पताल में बरामद हुआ। अंसारी रोड निवासी विनीत गर्ग और इंदिरा कालोनी निवासी रामपाल शर्मा का नाम भी मृतकों में शामिल है। बीस लोगों के शव मोर्चरी भेजे जा चुके हैं। 

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सहायक निदेशक स्वास्थ्य डा. मधु सक्सेना मुजफ्फरनगर पहुंची और घायलों का हाल जाना। इस दौरान दो लोग अस्पताल में बेड पर जाकर लेट गए और उन्होंने खुद को हादसे में घायल बताया। इसके बाद जब उनसे पूछताछ हुई तो दोनों फरार हो गए।

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जिला अस्पताल प्रशासन का कहना है यहां कुल 60 घायल आए थे, इनमें से 54 भर्ती हुए। छह प्राथमिक उपचार के बाद स्वयं चले गए। 15 मरीजों को रेफर कर दिया गया है। 39 मरीज अभी भी उपचाराधीन हैं। ट्रेन हादसे में मारे गए साहरनपुर के सुमित का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। 

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