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350 दंगा पीड़ितों ने दी मुआवजे के लिए अर्जी

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 11:45 PM (IST)

मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में दंगों के बाद मुआवजा पाने के लिए मची हायतौबा के दौरान 350 अन्य लोगों ने भी आवेदन किए हैं। जिला प्रशासन ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है। सोमवार से कमेटी तहसीलवार आवेदनों की जांच करेगी।

दंगों के बाद राज्य सरकार ने राहत पुर्नवास योजना के तहत छह गांवों के दंगा पीड़ितों के लिए योजना तैयार की थी। 900 पीड़ितों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाने थे। मुआवजे को लेकर बवाल होता रहा। पीड़ितों के परिवार बंट गए। चूल्हा अलग तो मुआवजा अलग दिए जाने की मांग जोरों पर उठ गई। मुआवजा नहीं ंिमलने पर राहत शिविरों में लोग कड़ाके की सर्दी में डटे रहे। लिहाजा राहत शिविरों में सर्दी ने कहर बरपाया और बच्चों से लेकर बूढ़ों तक की मौत हो गई।

सुप्रीम कोर्ट से लेकर मानवाधिकार आयोग और अल्पसंख्यक आयोग ने राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की। जिला प्रशासन मार्च तक 951 लोगों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दे चुका है। कमिश्नर की अध्यक्षता में कमेटी गठित है। लोई राहत शिविर को प्रशासन ने जैसे-तैसे खत्म करा दिया, लेकिन लोग अब भी तंबू और झोपड़ियां डालकर परिवार समेत रह रहे हैं। लोगों की मांग सिर्फ मुआवजा देने की है। जिस पर डीएम ने पात्र लोगों की सत्यता परखने के लिए दंगा पीड़ितों से मुआवजा लेने के लिए आवेदन देने को कहा।

इसके बाद जिला प्रशासन के समक्ष करीब 350 आवेदन आए हैं। सभी प्रार्थना पत्रों की जांच के बाद पात्रों को मुआवजा सूची में शामिल किया जाएगा। इसके बाद सूची को फाइनल करने के लिए शासन के पास भेजा जाएगा, ताकि वित्त विभाग से बजट मंजूर होने पर पात्रों के खातों में पांच-पांच लाख रुपये ट्रांसफर किए जा सकें।

इन्होंने कहा..

मुआवजा लेने से वंचित रहने का दावा करते हुए करीब 350 लोगों ने प्रार्थना पत्र देकर मुआवजा मांगा है। सभी आवेदनों की जांच सोमवार से तहसीलवार होगी। जांच के बाद पात्रों की सूची शासन को भेज दी जाएगी।

कौशलराज शर्मा, जिलाधिकारी।


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