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Rajendra Murder Case : बेटा ही निकला पिता का हत्‍यारा, जमीन नाम नहीं करने पर रची थी हत्‍या की साज‍िश

Rajendra Murder Case धनारी थाना क्षेत्र के एक आश्रम पर हुई ग्रामीण की हत्या के मामले में पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मृतक का बेटा ही कातिल निकला है। उसने पिता के द्वारा जमीन नाम नहीं कराने पर गोलियों से भूनकर हत्या की थी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 09:19 AM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 09:19 AM (IST)
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। Rajendra Murder Case : सम्‍भल के धनारी थाना क्षेत्र के एक आश्रम पर हुई ग्रामीण की हत्या के मामले में पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मृतक का बेटा ही कातिल निकला है। उसने पिता के द्वारा जमीन नाम नहीं कराने पर गोलियों से भूनकर हत्या की थी और आश्रम के संत समेत तीन लोगों को फंसाने के लिए खुद वादी बनकर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

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बहजोई स्थित कार्यालय पर हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने बताया कि धनारी थाना क्षेत्र के गांव वहीपुर और भकरौली के बीच जंगल में बने आश्रम परमानंदपुर देवी मंदिर पर 20 सितंबर की रात्रि को गुन्नौर कोतवाली क्षेत्र के गांव कैल की मढैया के राजेंद्र सिंह पुत्र शंकरसिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान हमलावर ने राजेंद्र सिंह के निकट सो रहे एक दूसरे संत के सिर पर भी प्रहार करते हुए घायल कर दिया था। जब इसकी सूचना पुलिस को मिली तो मृतक के बेटे भानु प्रकाश ने आश्रम पर मौजूद एक अन्य संत निधिनाथ के अलावा सतीश शर्मा समेत तीन लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच में जुटी तो बेटा ही पिता का कातिल निकला। पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि वह चार भाई और तीन बहनें हैं। दो बड़े भाइयों की शादी हो गई है जबकि वह तीसरे नंबर का है और दो बहनों की भी शादी हो गई है। काफी समय से वह पिता से अपने हिस्से की जमीन नाम कराने को कह रहा था। शराब का आदी होने के चलते पिता ने जमीन देने से इन्‍कार कर दिया और खरीदी गई जमीन को भी राजेंद्र ने अपनी पत्नी के नाम कराया। इसी से क्षुब्ध होकर भानु ने योजनाबद्ध तरीके से 20 सितंबर की रात्रि को आश्रम में घुसकर तीन गोलियां मारते हुए अपने पिता की हत्या की। इस दौरान निकट में सो रहे संत पूरनगिरि को भी तमंचे की बट मारकर घायल कर दिया था। फिलहाल पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

आश्रम के संत और दो अन्य लोगों को फंसाना चाहता था भानुप्रकाश : पुलिस की पूछताछ में हत्यारोपित भानु प्रकाश ने बताया कि वह अक्सर शराब पीकर आश्रम पर जाने का प्रयास करता तो वहां पर मौजूद संत निधिनाथ के द्वारा इसका विरोध किया जाता और वह वहां से बाहर निकाल देता था। इसी दौरान वहीपुर के सतीश शर्मा और उनके बेटे से भी उसका विवाद हो गया था। जिसके चलते तीनों को अपने पिता की हत्या के आरोप में फंसाना चाह रहा था।

वारदात के अगले दिन ही आने लगी थी बेटे के द्वारा हत्या करने की सुगबुगाहट : जिस प्रकार से राजेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। उस वारदात को आसपास के लोग और परिवार के अन्य सदस्य स्वीकार करने को तैयार नहीं थे लेकिन खुद कातिल इस मामले में दूसरों को फंसाने की साजिश रचते हुए आगे चल रहा था, हालांकि इस दौरान पुलिस को कुछ लोगों के साथ-साथ घर के ही अंदर संकेत मिलने लगे थे कि उनकी हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं बल्कि घर के ही सदस्य ने की है। दावा तो यह भी किया जा रहा था कि उनकी पिछले 10 वर्षों से किसी से कोई रंजिश नहीं थी; हालांकि पूर्व में काफी विवाद रहे थे। पुलिस न केवल नामजद आरोपितों से भी पूछताछ कर रही थी बल्कि वह दूसरे बिंदु पर भी जांच करते हुए मुख्य कातिल तक पहुंच सकी।


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