Nawab family : अब नौ जुलाई को होगी रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति बंटवारे मामले में सुनवाई
रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति के बंटवारे की सुनवाई अब नौ जुलाई को होगी। अदालत ने समय बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी पत्र लिखा है। रामपुर में नवाब ...और पढ़ें

मुरादबाद, जागरण संवाददाता। रामपुर नवाब खानदान की संपत्ति के बंटवारे की सुनवाई अब नौ जुलाई को होगी। अदालत ने समय बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी पत्र लिखा है। रामपुर में नवाब खानदान की 2600 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। इसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। सु्प्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई 2019 को शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए।
बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई। उन्हें दिसंबर 2020 तक बंटवारा करना था। लेकिन, कोरोना काल की वजह से बंटवारा निर्धारित अवधि में नहीं हो सका। इसके बाद छह माह का समय बढ़ा दिया गया। लेकिन, जून 2021 तक भी बंटवारा नहीं हो सका। अब फिर सुप्रीम कोर्ट से समय बढ़ाने की मांग की गई है। सोमवार को भी इस मामले में जिला जज की अदालत में सुनाई होनी थी। लेकिन, अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख लगा दी। इस मुकदमे में 11 पक्षकारों के वकील एवं पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि अब सुनवाई के लिए नौ जुलाई निर्धारित की गई है। अदालत ने समय बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी पत्र लिखा है।
पूर्व आइपीएस ने दारोगा को पुरस्कृत करने की एसपी से की सिफारिश : पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने जिले के एक दारोगा को पुरस्कृत करने की सिफारिश पुलिस अधीक्षक से की है। पुलिस अधीक्षक को भेजे पत्र में कहा है कि दारोगा ने गंज कोतवाली की एक चौकी में प्रभारी रहते हुए चौकी के जर्जर भवन को जन सहयोग से नया बना दिया। पूर्व आइपीएस ने एसपी के अलावा आइजी मुरादाबाद और एडीजी बरेली को भी पत्र भेजा है। कहा है कि उनकी जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 में दारोगा दिनेश तिवारी गंज कोतवाली की पुराना गंज चौकी के प्रभारी थे। तब चौकी का भवन बहुत खराब हालत में था। उसके गिरने के डर से कोई पुलिस कर्मी वहां नहीं बैठता था। तब चौकी इंचार्ज ने लोगों के बीच सकारात्मक माहौल बनाकर चौकी के निर्माण के लिए सहयोग प्राप्त किया। उस सहयोग से चौकी में दो मंजिला भवन बनवा दिया। इसमें दो कमरे, बरामदा, किचन, खूबसूरत लान बनवाया। चौकी के गेट पर इस निर्माण कार्य में सहयोग करने वाले दानदाताओं की सूची भी लगवाई है। उनका यह प्रयास सराहनीय है। उन्हें और उनकी टीम को इसके लिए पुरस्कृत किया जाना चाहिए, ताकि दूसरे पुलिस कर्मियों में भी सकारात्मक संदेश जाए।

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