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हरिद्वार और बिजनौर बैराज से गंगा में छोड़ा और पानी, अमरोहा में गंगा से सटे गांवों के खेतों में घुसा पानी

पहाड़ी जलाशयों से भारी मात्रा में छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा उफान पर आ गई है। उसका पानी खेतों में घुस गया है। पानी लगातार बढ़ने से अमरोहा के गांवों में खलबली मची हुई है। ग्रामीण बाढ़ की आशंका को देखते हुए खौफ में हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 11:35 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 11:35 AM (IST)
हरिद्वार और बिजनौर बैराज से गंगा में छोड़ा और पानी, अमरोहा में गंगा से सटे गांवों के खेतों में घुसा पानी
गंगा उफान पर आ गई है। उसका पानी खेतों में घुस गया है।

मुरादाबाद, जेएनएन। पहाड़ी जलाशयों से भारी मात्रा में पिछले दो दिन से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा उफान पर आ गई है। उसका पानी खेतों में घुस गया है। पानी लगातार बढ़ने से अमरोहा के गांवों में खलबली मची हुई है। ग्रामीण बाढ़ की आशंका को देखते हुए खौफ में हैं।

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शुक्रवार की भोर से हरिद्वार और बिजनौर बैराज से गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को हरिद्वार बैराज से अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया। करीब चार लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ने के बाद रात में हरिद्वार से पानी की मात्रा कम कर दी गई। उसके बाद बिजनौर ने छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ा दी। एक लाख क्यूसेक के बाद तीन लाख क्यूसेक से ऊपर पानी छोड़ा जाने लगा। रविवार की सुबह पांच बजे हरिद्वार से दो लाख 16 हजार 148 क्यूसेक जबकि बिजनौर बैराज से चार लाख 25 हजार 507 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। इससे गंगा उफान पर आ गई है। गंगा का पानी अत्यधिक तेज बहाव के साथ समीप के खेतों व रास्तों की तरफ बढ़ने लगा है। इससे अमरोहा में काफी ग्रामीणों की फसल जलमग्न हो गई है। वहीं उनमें बेचैनी बढ़ गई है। इस कारण अमरोहा जनपद की मंडी धनौरा तहसील के गांव दारानगर, शीशोवाली, जाटोवाली, ढाकोवाली, चकनवाला इत्यादि के किसानों ने खेतों से दूरी बना ली है। वहीं तेज बहाव को देखते पशुओं को भी गंगा की तरफ नहीं जाने दिया। दारानगर के तेजपाल, शीशोवाली के रामपाल ने बताया कि गंगा में पानी काफी बढ़ गया है। खेतों में घुसने के बाद गांव के रास्तों की तरफ बढ़ रहा है। इधर बाढ़ नियंत्रण खंड मुरादाबाद के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार ने बताया पहाड़ी जलशयो से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। हालांकि अभी तिगरी समेत अन्य स्थानों पर पानी खतरे के स्थान से काफी पीछे है। तिगरी में खतरे का लाल निशान 202.420 पर है। अभी जलस्तर 200.000 पर है। इधर तहसीलदार सदानन्द सरोज ने बताया कि बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट है। लेखपाल व पुलिस कर्मी गंगा से सटे गांवों पर नजर रखे हुए हैं। वही अन्य तैयारी भी चल रही है। 

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