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Fraud in UP Police : ​​वर्दी पहनकर पीआरवी कर्मियों के प्रशिक्षण में भाग लेने पहुंचा था फर्जी सिपाही

पुलिस रिस्पांस व्हीकल में बीते पांच सालों से वर्दी पहनकर ड्यूटी करने वाले सिपाही ने डायल-112 के प्रशिक्षण सत्र में भी भाग लिया था। ड्यूटी करने के साथ ही मुख्यालय से कराए गए प्रशिक्षण का हिस्सा भी बन गया था।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 08:49 AM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 08:49 AM (IST)
Fraud in UP Police : ​​वर्दी पहनकर पीआरवी कर्मियों के प्रशिक्षण में भाग लेने पहुंचा था फर्जी सिपाही
मुरादाबाद के आइएफटीएम में पीआरवी के पुलिस कर्मियों को दिया गया था प्रशिक्षण।

मुरादाबाद [रितेश द्विवेदी]। Moradabad Thakurdwara PRV Muzaffarnagar Fake police personnel Inquiry : पुलिस रिस्पांस व्हीकल में बीते पांच सालों से वर्दी पहनकर ड्यूटी करने वाले सिपाही ने डायल-112 के प्रशिक्षण सत्र में भी भाग लिया था। ड्यूटी करने के साथ ही मुख्यालय से कराए गए प्रशिक्षण का हिस्सा भी बन गया था। पुलिस की पूछताछ में कई ऐसे मामले उजागर हुए हैं, जिससे विभागीय अफसरों के होश उड़ गए हैं। अफसर अब इस बात का पता लगाने में जुट गए हैं, कि कैसे उनके सिस्टम में सेंध लगाकर एक आम युवक पुलिस की वर्दी पहनकर पांच साल तक ड्यूटी करता रहा।

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साल 2016 में आरोपित सिपाही अनिल ने अपने साले सुनील कुमार को ट्रांसफर लेटर देकर पुलिस लाइन में आमद दर्ज कराने के लिए भेजा था। इसके ठीक एक साल बाद साल 2017 में पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर पीआरवी कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन करने के निर्देश दिए गए थे। यह प्रशिक्षण सत्र लगभग डेढ़ माह तक चला था। जिसमें कई ग्रुप में पीआरवी सिपाहियों को 15 दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेना था। पाकबड़ा के आइएफटीएम विश्वविद्यालय के सभागार में इस प्रशिक्षण को दिया गया था। फर्जी सिपाही को जब इस प्रशिक्षण की जानकारी लगी तो वह घबरा गया था। इसके बाद उसने जीजा अनिल से इस मामले में बात की थी। दोनों ने लंबी बातचीत के बाद यह तय किया था, इस प्रशिक्षण सत्र में फर्जी सिपाही सुनील कुमार ही भाग लेगा। दोनों को डर सता रहा था कि लगभग एक साल तक की ड्यूटी करने के बाद सभी पीआरवी के जवान उसे पहचानने लगे हैं, ऐसे में अगर अनिल प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लेने के लिए पहुंच गया तो कहीं उसका भेद न खुल जाए। अगर प्रशिक्षण के दौरान ही पुलिस अफसर इस मामले को लेकर सतर्कता बरतते तो  हो सकता था कि तीन साल पहले ही पुलिस की वर्दी पहनने वाले सुनील के राज का पर्दाफाश हो जाता।  

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