Moradabad Liquor Smuggling Case : पुलिस ने चार मरने वालों के साथ ही 10 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा, तीन गिरफ्तार
अवैध शराब तस्करी के मामले में पुलिस ने मृतकों समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मृतक राजेंद्र सिंह सैनी के पूरे परिवार को आरोपित बनाया है। सीओ ठाकुरद्वारा ने बताया कि जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुरादाबाद, जेएनएन। अवैध शराब तस्करी के मामले में पुलिस ने मृतकों समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मृतक राजेंद्र सिंह सैनी के पूरे परिवार को आरोपित बनाया है। मुकदमा दर्ज करने के बाद तीन आरोपित बेटों को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। सीओ ठाकुरद्वारा ने बताया कि पूछताछ के आधार पर जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डिलारी थाना क्षेत्र के राजपुर केसरिया गांव में चार लोगों की मौत और अवैध शराब की जखीरा मिलने के बाद पुलिस एक्शन में आ गई। इस मामले में थाना प्रभारी सतराज सिंह की तहरीर पर दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें मृतक राजेंद्र सिंह के साथ ही उसकी पत्नी सुदेश देवी, मृतक पुत्र हरकेश सिंह, मृतक प्रीतम सिंह, मृतक नौकर रमेश शर्मा के साथ ही बेटे दलबीर, ब्रह्मपाल, निर्मल, अंजलि पत्नी दलवीर, सरिता उर्फ कुसुम पत्नी प्रीतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में पुलिस ने मृतक के तीन बेटों को गिरफ्तार करने के साथ ही पूछताछ शुरू कर दी है। एसएसपी पवन कुमार ने बताया कि जो भी लोग अवैध कारोबार से जुड़े रहे हैं, उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आरोपितों के फोन की खंगाली जा रही डिटेल : अवैध शराब के मामले में सभी दस आरोपितों के फोन कॉल का डाटा खंगालने का काम किया जा रहा है। सीओ ठाकुरद्वारा डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि आरोपितों के द्वारा जिन भी लोगों से लंबी बातचीत होती रही है, उन सभी को चिह्नित कर पूछताछ की जाएगी।
आरोपित बता रहे खुद को बेगुनाह : पुलिस ने मुख्य आरोपित के तीन बेटे दलबीर, निर्मल और ब्रह्मपाल को गिरफ्तार कर लिया है। घटना स्थल मौजूद तीनों आरोपित खुद को बेगुनाह बता रहे थे। आरोपितों का कहना था कि इस मामले में उनसे कुछ भी लेना-देना नहीं है। वह मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। पुलिस उनके बयान से सहमत नहीं दिखी। एक ही घर में रहने के बाद यह कैसे हो सकता है कि किसी को अवैध शराब के कारोबार की जानकारी नहीं थी।