छानबे के दर्जनों तालाब प्रशासनिक अनदेखी के चलते सूखे
जागरण संवाददाता, जिगना (मीरजापुर) : छानबे क्षेत्र के आलीशान गहरे तालाब आज अपनी बदहाली पर
जागरण संवाददाता, जिगना (मीरजापुर) : छानबे क्षेत्र के आलीशान गहरे तालाब आज अपनी बदहाली पर कोस रहे है। कभी ये तालाब जल से लबालब भरे होते थे लेकिन आज इनमें धुल के गुबार उड़ रहे है। दर्जनों तालाब व पोखर प्रशासनिक अनदेखी के चलते सूख गए है। जिससे पशु-पक्षी के साथ ग्रामीण पानी के लिए परेशान है। इन तालाबों पर कही अतिक्रमण के चलते अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा है। अगर प्रशासन द्वारा इन तालाबों की साफ-सफाई कराकर पानी भरवा दिया जाए तो काफी हद तक क्षेत्र में पेयजल की समस्या दूर हो जाएगी।
क्षेत्र के सेमरी गांव स्थित लगभग पंद्रह बीघे का तालाब आज खुद अपनी प्यास बुझाने के पानी की तलाश कर रहा है। पानी के जगह यहां धुल उड़ रहे है। चिलचिलाती धूप व गरमी में चरते हुए पानी की तलाश में पशु जब आते है लेकिन जल नहीं देख वे भी मायूस होकर वापस चले जाते है। इसी तरह क्षेत्र के कोठरा कंतित, दुगौली, चडेरु चौकठा, विजयपुर, बीजर कला, चढैचा, तेलियानी, बिरौरा जोपा, भटेवरा आदि तीन दर्जन तालाबों में पशु पक्षी पानी ढूढ़ रहे हैं। सरकारी कवायद जहां जमीनी धरातल पर धूल फांक रही है। वही तालाब एक बूंद पानी हेतु आसमान पर टकटकी लगाए है और लोगों कि प्यास बुझाने को आतुर दिख रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि कभी खेतों में पशु पक्षियों की प्यास बुझाने कि क्षमता रखने वाले तालाब आज सूखे नजर आ रहे है। बताया कि सरकार तालाबों की खोदाई के लिए मनरेगा योजना के तहत खजाने का मुंह खोल दिया है लेकिन तालाबों में एक बूंद पानी की कवायद प्रशासनिक अमले द्वारा नहीं कराया जाना बहुत ही ¨चतनीय है।