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नौचंदी मैदान व पटेल मंडप का पूरे साल हो उपयोग, आय भी बढ़ेगी और रखरखाव भी होगा Meerut News

नौचंदी मेला अवधि को छोड़ दें तो पटेल मंडप पूरे साल सूनसान पड़ा रहता है। ना कोई चौकीदार होता है और ना ही इसके अंदर जाने की कोई पाबंदी। नतीजा लोहे के दरवाजे व जालियां चोरी हो जाती हैं। अराजक तत्व यहां तोडफ़ोड़ करते हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Updated: Fri, 09 Apr 2021 09:47 AM (IST)
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नौचंदी मैदान व पटेल मंडप का पूरे साल हो उपयोग।

मेरठ, जेएनएन। नौचंदी मेला अवधि को छोड़ दें तो पटेल मंडप पूरे साल सूनसान पड़ा रहता है। ना कोई चौकीदार होता है और ना ही इसके अंदर जाने की कोई पाबंदी। नतीजा, लोहे के दरवाजे व जालियां चोरी हो जाती हैं। अराजक तत्व यहां तोडफ़ोड़ करते हैं। हालांकि ये कृत्य रुक सकते थे। अगर पटेल मंडप को पूरे साल विभिन्न कार्यक्रमों के लिए उपयोग में लाया जाता।

पूर्व कमिश्नर प्रभात कुमार ने नौचंदी मैदान और पटेल मंडप के मेला अवधि को छोड़कर भी पूरे साल उपयोग में लाने की कार्ययोजना बनवाई थी। जिसमें यह तय किया गया था कि वैवाहिक कार्यक्रम, तमाम प्रकार की प्रदर्शनी व अन्य प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए किराए पर पटेल मंडप दिया जाएगा। नौचंदी मैदान की बाउंड्रीवाल कराई जाएगी। यह व्यवस्था एक साल नगर निगम और एक साल जिला पंचायत के अधीन रहेगी। उनके समय में बाउंड्रीवाल का कुछ काम भी हुआ था। लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद इस कार्ययोजना को गर्त में डाल दिया गया। अगर इस कार्ययोजना को मूर्त रूप दिया गया होता तो न केवल दोनों विभागों की आय बढ़ती बल्कि नौचंदी मैदान और पटेल मंडप के रखरखाव का संकट भी न खड़ा होता। मालूम हो कि हर साल मेला आयोजन के पहले पटेल मंंडप व नौचंदी मैदान पर लाखों रुपये मरम्मत के नाम पर खर्च किए जाते हैं।

फिलहाल हकीकत यही है कि...

- नौचंदी मैदान शहर का सबसे अधिक गंदगी वाला क्षेत्र है।

- मैदान में उपले का कारोबार होता है। जमीन पर कब्जे हो रहे हैं।

-मैदान प्राइवेट बस खड़ी करने का अड्डा बन चुका है।

-अवैध डेयरियों के पशुओं का डेरा स्थल भी है।

-तीन से चार अस्थायी खत्ते भी मैदान में मौजूद हैं।

- पटेल मंडप अराजक तत्वों का अड्डा है।