मेरठ, जागरण टीम। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। यह परीक्षाएं पांच फरवरी तक चलेंगी। परीक्षा के दौरान जिला स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम से सभी परीक्षा केंद्रों पर नजर रखी जा रही है। इंटरमीडिएट की प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए जिले में कुल 201 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के निर्देशानुसार द्वितीय चरण में क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय मेरठ के तहत आने वाले मेरठ व अलीगढ़ मंडल की परीक्षाएं हो रही हैं। पहले दिन 29 जनवरी को करीब आधा दर्जन विद्यालयों पर प्रयोगात्मक परीक्षा हुई थीं।
कंट्रोल रूम से रखी नजर
सोमवार को कुल 43 केंद्रों पर परीक्षा हुई। परीक्षा के लिए कुल 2998 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिनमें से 2844 उपस्थित हुए। जबकि 154 परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे। लिखित परीक्षा की तरह प्रयोगात्मक परीक्षा की भी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में बने कंट्रोल रूम से निगरानी की जा रही है। जिला स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम का प्रभारी प्रधानाचार्य राजकीय हाईस्कूल गोविंदपुर खरखौदा की प्रधानाचार्य रेखा यादव व राजकीय कन्या इंटर कालेज हस्तिनापुर की प्रधानाचार्य डा. पारुल वर्मा को बनाया गया है। उनके नेतृत्व में करीब 15 सदस्यों की टीम सुबह 9:30 से शाम पांच बजे तक पूरी परीक्षा पर नजर रख रही है।
नकल रोकने की पुख्ता व्यवस्था
यूपी बोर्ड की वर्ष-2023 की आगामी 16 फरवरी से शुरू होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। परीक्षा के दौरान छापेमारी के लिए जिला स्तर पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कम से कम छह से आठ सचल दल बनाएं जाएंगे। मंडल स्तर पर भी चार से पांच सचल दलों का गठन किया जाएगा। जनपद स्तर पर सचल दलों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाए गए राजकीय इंटर कालेज के प्रधानाचार्य, सह जिला विद्यालय निरीक्षक तथा शिक्षा विभाग से संबद्ध सेवारत अध्यापक एवं अधिकारी रखे जाएंगे।
जनपद स्तर पर बनाए सचल दल
जिला विद्यालय निरीक्षक स्वयं किसी भी सचल दल का नेतृत्व कर सकते हैं। जनपद स्तर पर बनाए गए सचल दल के सदस्यों की सूची अनिवार्य रूप से सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद को भी भेजनी होगी। तहसीलवार करेंगे निरीक्षण निरीक्षण दल तहसीलवार परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। ताकि प्रत्येक परीक्षा केंद्र का प्रतिदिन कम से कम एक बार निरीक्षण अवश्य हो सके।
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महिला निरीक्षणकर्ता को करना होगा शामिल
सचल दल में महिला निरीक्षणकर्ता को भी अनिवार्य रूप से शामिल करना होगा। जिन परीक्षा केंद्रों पर बालिका परीक्षार्थी आवंटित हैं। वहां पर महिला कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। किसी भी दशा में सचल व निरीक्षण दल के पुरुष सदस्य द्वारा बालिका परीक्षार्थियों की तलाशी नहीं ली जाएगी। शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव ने इस बारे में संयुक्त निदेशक माध्यमिक व जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश जारी किए हैं।