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मेरठ कैंट में STR पर टिका है जमीन का मालिकाना हक, छावनी भूमि प्रशासन को जारी किया नोटिफिकेशन

रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल की ओर से छावनी भूमि प्रशासन के नियमों को लेकर सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। 23 जून को जारी इस गजट नोटिफिकेशन में छावनी की सभी श्रेणियों की भूमि को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 10:20 AM (IST)
मेरठ छावनी की मौजूदा लैंड पालिसी में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ कैंट की जटिल लैंड पालिसी के चलते छावनी के लोग कई सुविधाओं से आज भी वंचित हैं। ऐसे में छावनी की मौजूदा लैंड पालिसी में बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। रक्षा मंत्रालय ने छावनी भूमि प्रशासन के नियम का मसौदा तैयार कर गजट नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत ओल्ड ग्रांट प्रापर्टी पर छावनी के लोगों को मालिकाना हक मिल सकता है। हालांकि छावनी में एसटीआर (स्टैंडर्ड टेबल आफ रेंट्स) को देखते हुए ओल्ड ग्रांट प्रापर्टी को फ्री होल्ड कराना आसान नहीं होगा।

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सार्वजनिक सूचना जारी

रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल की ओर से छावनी भूमि प्रशासन के नियमों को लेकर सार्वजनिक सूचना जारी की गई है। 23 जून को जारी इस गजट नोटिफिकेशन में छावनी की सभी श्रेणियों की भूमि को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। मेरठ छावनी में इसका नोटिफिकेशन आ गया है। जिस पर सभी से आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। 30 दिनों में यह सुझाव रक्षा मंत्रालय को भेजने के लिए कहा गया है।

मालिकाना हक की बात

छावनी भूमि प्रशासन 2021 में ए श्रेणी के भूमि में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। बी-3 श्रेणी में ओल्ड ग्रांट की प्रापर्टी को फ्री होल्ड या लीज पर देने का विकल्प दिया गया है। इससे बहुत से लोगों को मालिकाना हक मिल सकता है। जो अभी तक केवल स्ट्रक्चर के मालिक हैं। उनके नाम से जमीन भी रजिस्ट्री हो सकेगी। गजट नोटिफिकेशन के अनुसार ओल्ड ग्रांट प्रापर्टी के फ्री होल्ड होने पर उसके कब्जेदार ग्राउंड प्लस टू का बिल्डिंग प्लान भी तैयार कर सकेंगे। भले ही पहले ओल्ड ग्रांट प्रापर्टी में बिल्डिंग ग्राउंड पर रही हो।

भूमि प्रबंधन में बदलाव नहीं

रक्षा मंत्रालय के नए भूमि मसौदे में छावनी के भूमि प्रबंधन पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। ए-1 लैंड सैन्य प्रयोजन के लिए पहले की तरह है। ए- 2 लैंड सेना के भविष्य की योजना के लिए निर्धारित है। बी-1 लैंड राज्य सरकार के नियंत्रण में है। जिनका प्रबंधन रक्षा संपदा अधिकारी करेंगे। सिविल एरिया का प्रबंध कैंट बोर्ड के पास पहले की तरह है।

अभी फ्री होल्ड की पालिसी कठिन

छावनी में अभी सिविल एरिया में प्रापर्टी को फ्री होल्ड कराने का प्रावधान है। लैंड पालिसी 1995 में रिवाइज हुई थी उसके अनुसार फ्री होल्ड कराने के लिए संबंधित प्रापर्टी जीएलआर में दर्ज होनी चाहिए। रक्षा संपदा अधिकारी यानी एसटीआर से कन्वर्जन रेट देना होता है। जो कई गुना है, जिससे प्रापर्टी फ्री होल्ड नहीं हो पाती है।

जीएलआर में केवल 4600 प्रापर्टी

छावनी के जनरल लैंड रिकार्ड यानी जीएलआर में करीब 4600 प्रापर्टी के नाम दर्ज है। सब डिविजन के बाद इनकी संख्या 11 हजार से अधिक पहुंच गई है। जीएलआर में नाम न होने की वजह से छावनी में लोग नक्शा भी पास नहीं करा सकते हैं।

क्षेत्र एसटीआर प्रति वर्ग मीटर

आबूलेन, सदर सराफा बाजार - 70500 रुपये

सदर बाजार मेन रोड - 57000 रुपये

वेस्ट एंड रोड - 57000 रुपये

सोती गंज दिल्ली रोड साइड - 57000 रुपये

रविद्रपुरी, दालमंडी, कैंट अस्पताल का क्षेत्र- 52000 रुपये

सदर बाजार - 34500 रुपये

लालकुर्ती छोटा व बड़ा बाजार- 32000 रुपये

जैन नगर मिलिट्री फार्म- 24800 रुपये

आरए बाजार - 10500 रुपये

नोट-अभी छावनी में वर्ष 2019-20 की पुरानी एसटीआर लागू है। यह आवासीय क्षेत्र के दरें हैं कामर्शियल दरें इससे अधिक हैं।


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