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मेरठ छावनी से नगर निगम में शामिल हो सकते हैं ये 24 मोहल्ले, पढ़ें कैसी रहेगी व्‍यवस्‍था

वर्तमान में आठ वार्ड में 44 मोहल्लो में बंटी है छावनी। मेरठ कैंट के 478 एकड़ में है नागरिक क्षेत्र। यह जान लीजिए कि अंबाला कैंट की तरह रक्षा मंत्रालय की मंशा के अनुसार अगर छावनी की सीमा का निर्धारण हुआ तो छावनी से नागरिक क्षेत्र तरह से अलग होंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sat, 05 Feb 2022 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 05 Feb 2022 11:10 AM (IST)
मेरठ कैंट से कुछ मोहल्‍ले नगर निगम में जा सकते हैं।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ छावनी में नागरिक क्षेत्र के करीब 24 मोहल्ले अलग होकर नगर निगम में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद छावनी के पास बंगला और मिलिट्री एरिया के 20 मोहल्ले बचेंगे। नागरिक क्षेत्र के निकलते ही छावनी का पूरा नक्शा ही बदल जाएगा। छावनी से नागरिक क्षेत्र के बाहर करने की प्रक्रिया के तहत रक्षा मंत्रालय की ओर से सुझाव मांगे गए हैं। अंबाला कैंट की तरह रक्षा मंत्रालय की मंशा के अनुसार अगर छावनी की सीमा का निर्धारण हुआ तो छावनी से नागरिक क्षेत्र पूरी तरह से अलग होंगे। इसमें छावनी के सभी प्रमुख बाजार भी शामिल होंगे। दैनिक जागरण में गुरुवार के अंक में इस खबर के छपने के बाद दिन भर छावनी के लोगों में चर्चा होती रही।

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आठ वार्ड के ये मोहल्ले हो सकते हैं बाहर

वार्ड एक- सुभाषनगर

वार्ड दो- बकरी मोहल्ला, घोसी मोहल्ला, हंडिया मोहल्ला

वार्ड तीन- बकरी मोहल्ला, मैदा मोहल्ला, जामुन मोहल्ला

वार्ड चार- कबाड़ी बाजार, चाणक्यपुरी, पटेलपुरी, रविंद्रपुरी

वार्ड पांच- गंज बाजार, तहसील कंपाउंड, अलीमपुरा, दालमंडी, स्वराजपुरी

वार्ड छह-धर्मपुरी, चौक बाजार, रंजीतपुरी, अरविंदपुरी, दुर्गाबाड़ी

वार्ड सात- टंडैल मोहल्ला, शिवाजी कालोनी

वार्ड आठ- हर्षपुरी, जुबलीगंज

सदस्यों के चुनाव पर संशय

कैंट बोर्ड का चुनाव 2015 में हुआ था। जिसमें 63 हजार से अधिक मतदाता थे। जिन्होंने आठ वार्ड से आठ सदस्यों को चुना था। बोर्ड का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब परिवर्तित बोर्ड में एक मनोनीत सदस्य सभी आठ वार्ड की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ऐसे में अगर छावनी से नागरिक क्षेत्र अलग करने की प्रक्रिया शुरू होती है तो कैंट बोर्ड के चुनाव की प्रक्रिया भी खत्म हो सकती है।

बाजार में दिखेगा बदलाव

छावनी के सिविल क्षेत्र में ही सभी प्रमुख बाजार आबूलेन, सदर, बांबे बाजार, लालकुर्ती, रजबन हैं। जो निगम का हिस्सा हो सकते हैं। इसके बाद इन बाजारों में बिडिल्‍ंग का प्लान भी बदल सकता है। अभी छावनी में 32 फीट ऊंची बिडिल्‍ंग नहीं बन सकती। जिसमें ग्राउंड प्लस टू बनाने की अनुमति है।

इनका कहना है-

लोगों के हस्ताक्षर कराकर भेजेंगे कैंट बोर्ड के परिवर्तित बोर्ड के सदस्य डा. सतीश चंद्र शर्मा का कहना है कि अभी हम जमीन के नहीं केवल मलवे के मालिक हैं, नक्शे पास नहीं होते हैं। नगर निगम में आने से कैंट की सभी समस्याएं दूर होंगी। अपनी जमीन पर निर्माण हो सकेगा। चुनाव बाद अलग अलग क्षेत्रों से हस्ताक्षर कराकर इसके लिए कैंट बोर्ड और मंत्रालय को भेजा जाएगा। यह कैंट की जनता के लिए बहुत अच्छा है।

जमीन का मालिकाना हक मिलेगा

1962 से छावनी के आबूलेन में रह रहे अखिल गुप्ता कहते हैं कि अभी छावनी में रहते हुए वह अपनी भूमि के मालिक भी नहीं हैं, दो भाईयों के बंटवारे में अगर मजबूरी में अगर घर में एक दीवार भी लग गई तो वह अवैध हो जाएगा। इसकी वजह से खरीद फरोख्त में भी दिक्कत होती है।

आसानी से होंगे नक्शे पास

कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील बाधवा का कहना है कि नगर निगम में सिविल क्षेत्र के आने से म्युटेशन, चेंज आफ परपज की समस्या दूर होगी, प्रापर्टी तीन से चार गुना बढ़ जाएगी। मकान बनाने में सुविधा होगी। लोगों का मकान अब उनका घर हो जाएगा, यह बहुत बड़ा तोहफा साबित होगा।

अभी नहीं मिला पत्र

छावनी परिषद के प्रवक्ता जयपाल तोमर का कहना है कि रक्षा मंत्रालय का पत्र अभी कैंट बोर्ड में नहीं मिला है। अगर ऐसा होता है तो जो निर्देश होंगे, उसके अनुसार बोर्ड निर्णय लेगा।

सिविल क्षेत्र की 2.91 भूमि

मेरठ छावनी क्षेत्र की कुल भूमि 8242 एकड़ है। इसमें 2.91 प्रतिशत जमीन सिविल क्षेत्र की है। जो करीब 478 एकड़ है। बाकी भूमि बंगला, एरिया, मिलिट्री एरिया और रक्षा संपदा के प्रबंधन में है।


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