Meerut Crime News: मेरठ के लाखों की चोरी करने वाले नेपाली नौकर का असली नाम सामने आया, जांच तेज
Nepali Servant In Meerut नेपाल के डोटी लसकट का बल बहादुर गुरुग्राम में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर बन गया था वीर बहादुर। पुलिस की जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच साथी लालसिंह भूल के साथ मिलकर वारदात की। तलाश तेज कर दी है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Nepali Servant In Meerut मेरठ में बिल्डर प्रदीप गुप्ता के घर लाखों की चोरी करने वाले अनुचर वीर बहादुर की पुलिस को असली जानकारी मिल गई है। वीर बहादुर का असली नाम बल बहादुर हैं, जो नेपाल के डोटी स्थित लसकट का रहने वाला है। गुरुग्राम में बल बहादुर ने अपनी पहचान छिपाकर वीर बहादुर के नाम से आधार कार्ड जारी कराया था। इसके बाद लखीमपुर खीरी से फर्जी आइडी पर मोबाइल सिम खरीदे थे।
साथी के साथ मिलकर की थी वारदात
वीर बहादुर उर्फ बल बहादुर का दूसरा साथी लाल सिंह भूल भी नेपाल के लेकोट का रहने वाला है। वीर बहादुर ने लाल सिंह और एक अन्य के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने नेपाल के अफसरों से मिलकर आरोपित की तलाश शुरू कर दी है। टीपीनगर थाने समीप कमला नगर में ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता का परिवार दिल्ली के ताज होटल में बेटी सांची गुप्ता की मंगनी में गया था। रविवार को घर की सुरक्षा में लगाए गार्ड मनोज को खीर में नशीला पदार्थ खिलाने के बाद अनुचर वीर बहादुर 80 लाख की ज्वैलरी और नकदी लेकर फरार हो गया।
पुलिस की तीन टीमें लगाई गईं
पुलिस की तीन टीमें वीर बहादुर और उसके साथियों को पकड़ने के लिए लगाई गई है। दो टीमों ने नेपाल में डेरा डाला हुआ है। मोबाइल में चल रहे दूसरे नंबर से खुली पहचानबल बहादुर उर्फ वीर बहादुर जिस मोबाइल नंबर को प्रयोग कर रहा था। उसे दिल्ली में शेयर ब्रोकर के घर चोरी के बाद जुलाई में बंद कर दिया था। मेरठ में पहुंचने के बाद तीन नंबवर को आरोपित ने यह नंबर दोबारा चालू कर दिया। उसी मोबाइल में वह एक अन्य नंबर भी चला रहा था।
असली आइडीप्रूफ लगाया था
उस नंबर से बल बहादुर नेपाल में अपने स्वजन से बात करता था। मोबाइल की आइइएमआइ से पुलिस को वीर बहादुर के असली नंबर का पता चला। इस नंबर पर बल बहादुर ने असली आइडीप्रूफ लगाया था, जिसमें उसका असली नाम बल बहादुर लिखा है। उसके बाद ही पुलिस की टीम वीर बहादुर उर्फ बल बहादुर के घर पर नेपाल पहुंच गई थी। बल बहादुर अभी नेपाल नहीं पहुंचा है। पुलिस की टीम उसके घर की निगरानी कर रही है।
एडवांस में दी थी एजेंसी संचालक को रकम
वीर बहादुर ने नौकरी के लिए एजेंसी संचालक अमन सिद्धू को एडवांस में छह हजार रुपये दिए थे। तभी अमन ने बिना आइडीप्रूफ लिए उसे प्रदीप गुप्ता के आफिस में नौकरी दिला दी। प्रदीप ने बताया कि वीर बहादुर ने पहले भी कई बार चोरी का प्रयास किया है, लेकिन शादी का घर होने से परिवार के सदस्य को पता नहीं चला। चोरी करने वाले अन्य दोनों आरोपित भी कमला नगर में कई बार चक्कर लगा चुके हैं।
अनिल और रोहित की आइडी पर लिए थे वीर बहादुर ने सिम
वीर बहादुर एक अन्य मोबाइल में दो नंबर चला रहा था। उसने एक सिम पर अनिल कुमार निवासी बाजुरा नेपाल का रहने वाला है। उसके बाद लखीमपुर खीरी से फर्जी आइडी पर मोबाइल सिम खरीदे थे। वीर बहादुर ने दूसरा मोबाइल सिम रोहित कुमार निवासी कैलाली नेपाल की आइडी पर खरीदा था। पुलिस मान रही है कि वीर बहादुर पूरी प्लानिंग से वारदात को अंजाम देकर गया है। उसके मोबाइल सिम फर्जी आइडी पर मिले है। आधार कार्ड फर्जी नाम और पते पर बनवाया था।
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