डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए शुरू हुई नापजोख
बंगाल से पंजाब तक निर्माणाधीन फ्रेट कॉरीडोर कई मामलों में खास है। कॉरीडोर आधा दर्जन राज्यों के तमाम बड़े शहरों को जोड़ेगा। मेरठ-सरधना तहसील के 33 गांवों में पैमाइश शुरू हो गई है।
मेरठ (योगेश आत्रेय)। रेलवे की अति महत्वपूर्ण पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर परियोजना को धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू हो गई है। सरधना क्षेत्र में निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने जमीन की पैमाइश शुरू कर दी है। एक माह में फसल काटकर पत्थर डालने का काम शुरू किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल के डानकुनी से पंजाब के लुधियाना तक निर्माणाधीन पूर्वी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर पर गुरुवार से काम शुरू हुआ। मेरठ सदर और सरधना तहसील के 33 गांवों में कॉरीडोर के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि की पैमाइश की गई। गुरुवार को टीम खिर्वा नौआबाद और पौहल्ली में पैमाइश में जुटी रही। पैमाइश के बाद यहां पत्थर डालने का काम शुरू होगा। इसके बाद लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू होगी। प्रशासन को अधिग्रहीत भूमि से खड़ी फसल हटवाने के लिए कहा गया है। किसानों से भी बातचीत की जा रही है।
कई शहरों को जोड़ेगा कॉरीडोर
बंगाल से पंजाब तक निर्माणाधीन फ्रेट कॉरीडोर कई मामलों में खास है। कॉरीडोर आधा दर्जन राज्यों के तमाम बड़े शहरों को जोड़ेगा। इनमें मुगलसराय, इलाहाबाद, कानपुर, इटावा, फीराजोबाद, टूंडला, बरहन, हाथरस, अलीगढ़, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अंबाला, रजपुरा, सर¨हद, दोराहा, स्नेहीवाल, लुधियाना शामिल हैं।
जिले में यहा हुआ अधिग्रहण
सदर तहसील के बहादुरपुर, मोहिउद्दीनपुर, महरौली, अफजलपुर, पावटी, अमीनगर भूड़बराल, ¨जजोखर, सोहरका, इदरीशपुर, पेपला, सिंधावली, दिलावरा, घाट, पांचली, गोविंदपुर सहित 19 गांव शामिल हैं। सरधना तहसील के पौहल्ली, खिर्वा नौआबाद, खिर्वा जलालपुर, गेसूपुर, वफावत, समसपुर, सुरानी, मछरी, दौराला, मटौर, वलीदपुर, सकौती समेत 14 गांवों में अधिग्रहण हुआ है।
डबल और सिंगल ट्रैक का होगा कॉरीडोर
डानकुनी से खुर्जा तक 1409 किमी की डबल ट्रैक इलेक्ट्रिक लाइन होगी। जबकि खुर्जा से लुधियाना तक इलेक्ट्रिकलाइन का सिंगल ट्रैक होगा।
कॉरीडोर किलोमीटर
पश्चिम बंगाल 203
झारखंड 196
बिहार 239
उत्तर प्रदेश 1058
हरियाणा 72
पंजाब 88
कुल लंबाई - 1856 किलोमीटर
फ्रेट कॉरीडोर के डीसीपीएम जेपी गोयल ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिग्रहीत भूमि की पैमाइश के साथ पत्थर डालने की तैयारी शुरू की गई है। फसल हटते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।