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अपहरण के पांच दिन बाद बसपा प्रत्याशी आरिफ बरामद

12 जुलाई को रहस्यमय हालत में गायब हुए बसपा नेता और मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना विधानसभा क्षेत्र के बसपा के घोषित प्रत्याशी मोहम्मद आरिफ को पुलिस ने पांचवे दिन बरामद कर लिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 16 Jul 2016 12:52 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jul 2016 10:20 AM (IST)
अपहरण के पांच दिन बाद बसपा प्रत्याशी आरिफ बरामद

मेरठ (जेएनएन)। पिछले पांच दिन से लापता चल रहे मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना से बसपा प्रत्याशी आरिफ के अपहरण की कहानी से पर्दा हट गया है। आरिफ का कोई अपहरण नहीं हुआ था, वह खुद ही गायब हो गए थे और दो दिन मनाली में रहे। पुलिस ने उनके दिल्ली स्थित घर से उन्हें बरामद कर लिया। पहले आरिफ ने अपहरण की झूठी कहानी सुनाई, लेकिन पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो खुद गायब होने की बात मान ली। पुलिस का कहना है कि आरिफ के कथित अपहरण में हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना थाने के जौला गांव निवासी बसपा प्रत्याशी मोहम्मद आरिफ दिल्ली के द्वारिका में रहते हैं। पिछले मंगलवार को दिल्ली से बुढ़ाना लौटते समय दिल्ली हाइवे पर डाबका कट से आरिफ गायब हो गए थे। परिवार के लोगों ने अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी जे. रविंदर गौड़ ने बताया कि आरिफ ने सियासी स्टंट के चलते खुद ही अपहरण का नाटक रचा। शुक्रवार को देर रात आरिफ अपने दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचे। दिल्ली से पुलिस की टीम उन्हें लेकर मेरठ पहुंची, जहां सिविल लाइन थाने में करीब पांच घंटे तक पूछताछ की गई। आरिफ ने पहले बताया कि नशीला बिस्कुट खिलाकर उनका अपहरण किया गया था। लेकिन सख्ती से पूछताछ पर वह टूट गए। पुलिस को बताया कि टिकट में डूबी रकम निकालने के लिए ही अपहरण का नाटक किया था। खर्च अधिक होने के कारण चुनाव नहीं लड़ना चाह रहे थे, जिसे लेकर टेंशन में आ गए थे। कार को हाइवे पर छोड़ने के बाद खुद ही मनाली चले गए थे। वहां एक होटल में दो दिन रुके फिर चंडीगढ़ पहुंचे, जहां से अपने घर द्वारिका पहुंच गए। एसएसपी जे. रविंदर गौड़ का कहना है कि आरिफ के झूठे अपहरण में कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई होगी। आरिफ को भी मुकदमे मे शामिल किया जाएगा।

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फिलहाल सिविल लाइंस थाने में आला अधिकारी मोहम्मद आरिफ से पूछताछ में जुटे हुए हैं। मोहम्मद आरिफ के मुताबिक उनका अपहरण किया गया था और किसी भी तरह से उनके चंगुल से भागकर घर पहुंचे हैं। पुलिस को आरिफ की अपहरण की कहानी पच नहीं रही है।

आरिफ कल आधी रात के बाद दिल्ली में ब्रह्मपुरी के अपने फ्लैट पर गुपचुप तरीके से पहुंचे थे। पहले से ही निगाह रख रही पुलिस को जब इसकी सूचना मिली तो पुलिस ने उन्हें अपने कब्जे में लिया और मेरठ लाई।

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अधिकारियों के पूछताछ के क्रम में मोहम्मद आरिफ ने गुमशुदगी के बारे में बताया कि जब वह दिल्ली से बुढ़ाना के लिए लौट रहे थे तो डाबका मोड़ के पास दो गाडिय़ां आईं और उनका वाहन रूकवाया। गाडिय़ों से उतरे लोगों ने उनको अपनी गाड़ी में बैठा लिया और उनकी गाड़ी मौके पर ही छोड़ दी।

आरिफ का कहना है कि अपनी गाड़ी में बिठाने के बाद अपहर्ताओं ने बिस्कुट खिलाया, जिसके बाद वे बेहोश हो गए। उन्हें जब होश आया तो पानीपत में कई लोगों की निगरानी में थे। जैसे-तैसे मौका देखकर वह उन अपहर्ताओं के चंगुल से निकल भागे और दिल्ली अपने घर पहुंचे।

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आरिफ की अपहरण की कहानी को पुलिस पचा नहीं पा रही है। अपहरण से आरिफ की रिहाई तक उनके द्वारा बताए जा रहे घटनाक्रम की कोई कड़ी ही नहीं जुड़ पा रही है। पुलिस इस कहानी को सच नहीं मान रही है, इसी कारण लगातार पूछताछ का दौर जारी है। तर्क दिया जा रहा है कि अगर आरिफ का अपहरण किया गया तो फिर फिरौती या रिहाई की शर्त के लिए किसी के पास कोई फोन क्यों नहीं आया।

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चार दिनों तक अपहर्ताओं के चंगुल से अगर आरिफ भाग निकले तो उन्होंने पुलिस से अपने सगे-संबंधियों से संपर्क क्यों नहीं किया। आरिफ का वर्चस्व मुजफ्फरनगर में है। वहां से बसपा के उम्मीदवार है, ऐसे में अपने को ज्यादा सुरक्षित मुजफ्फरनगर में रख सकते थे, न कि दिल्ली है। ऐसे तमाम सवाल हैं, जो आरिफ की बताई कहानी की सच्चाई पर संदेश खड़ा करते हैं।

माना जा रहा है कि पैसे के लेनदेन को लेकर यह सब घटनाक्रम घटित हुआ है। फिलहाल सिविल लाइंस थाने में आरिफ से पूछताछ जारी है और बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक एकत्र हैं। पुलिस के आला अधिकारी आधिकारिक तौर पर फिलहाल कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं।


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