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दुबई के कंटेनर डिपो ने खोल दी आयात-निर्यात की बड़ी डगर

जिले के उद्यमियों की लंबे समय से माग थी कि यहा कंटेनर डिपो खोला जाए। लेकिन उद्यमियों को जानकर हर्ष होगा कि उन्हें माग से ज्यादा बड़ी सौगात मिल चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 09:04 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 09:04 AM (IST)
दुबई के कंटेनर डिपो ने खोल दी आयात-निर्यात की बड़ी डगर

मेरठ, जेएनएन। जिले के उद्यमियों की लंबे समय से माग थी कि यहा कंटेनर डिपो खोला जाए। लेकिन उद्यमियों को जानकर हर्ष होगा कि उन्हें माग से ज्यादा बड़ी सौगात मिल चुकी है। मोहउद्दीनपुर चीनी मिल के पीछे सौ एकड़ में बसा दुबई पोर्ट व‌र्ल्ड यानी डीपी व‌र्ल्ड पश्चिमी उप्र की औद्योगिक तस्वीर बदल सकता है। ढाई हजार कंटेनरों से लैस यह डिपो दुनियाभर में हर जगह औद्योगिक उत्पादों को भेज रहा है। दादरी के बाद यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा कंटेनर डिपो है। शनिवार को स्टैग इंटरनेशनल स्पो‌र्ट्स कंपनी का पहला खेल उत्पाद कंटेनर मोदीनगर से गुजरात में मुंद्रा के लिए रवाना किया गया।

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जिले की 40 कंपनियां जुड़ीं

वित्त मंत्रालय की स्वीकृति से मोदीनगर-गाजियाबाद के रोगी गाव में 2019 में इनलैंड कंटेनर डिपो शुरू किया गया। पहले यह जमीन कृभको यूरिया कंपनी की थी, जिसे दुबई की कंपनी ने खरीदा। यहा पर 40 टन तक क्षमता वाले कंटेनर वैगन मंगाए गए हैं। रेल की पटरी से सटे डिपो के जरिए आयात-निर्यात एवं उत्पादों को सुरक्षित रखने की भी सुविधा दी जाती है।

मेरठ के अंतरराष्ट्रीय खेल व्यवसायी राकेश कोहली ने शनिवार को डिपो पर पहुंचकर परिसर और कंपनी में उपलब्ध सुविधाओं को देखा, और इसे पश्चिमी उप्र के उद्योग के लिए बड़ी सौगात कहा। दुबई पोर्ट कंपनी के अनुराग सिंह ने बताया कि मेरठ की 40 से ज्यादा कंपनिया जुड़ चुकी हैं। यहा से सामान मुंबई, गुजरात और कोलकाता के बंदरगाहों के जरिए दुनियाभर में भेजा जा रहा है। इस डिपो से मेरठ, गाजियाबाद, साहिबाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद समेत दर्जनों जिलों का उत्पाद निर्यात हो रहा है। खासकर, स्पो‌र्ट्स कारोबार, चीनी, पेपर मिल, फर्नीचर व उन्य उत्पाद भेजे रहे हैं। परिसर में कई खाद्य तेलों की कंपनियों का डिपो है, जहा से पूरे पश्चिमी उप्र में आपूíत की जा रही है। परिसर में ही सीमा शुल्क कार्यालय है, जहा सारी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया जाता है। कंपनी का रेलवे के साथ समझौता है, जहा से कंटेनर को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मालगाड़ी किराए पर मिल जाती है। इस डिपो में आने वाले दिनों में कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे, जिनका मकसद उद्योगों के लिए आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराना है। स्टैग इंटरनेशनल के एक्जिम मैनेजर अमित तोमर ने कहा कि कंटेनर डिपो विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है। अब उत्पादों को देश-दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने में आसानी होगी।

इनका कहना है

इनलैंड कंटेनर डिपो या आइसीडी पश्चिमी उप्र के उद्यमियों के लिए बड़ी उपलब्धि है। उद्यमी लंबे समय से जिले में कंटेनर डिपो की माग कर रहे थे। भले ही यह गाजियाबाद जिले में है, लेकिन मेरठ से सिर्फ 12 किमी दूर है। इसका लाभ आसपास के तीन मंडल उठा सकते हैं। सौ एकड़ में फैले परिसर में एक साथ ढाई हजार कंटेनरों की उपलब्धता है, जो प्रदेश का दूसरा बड़ा डिपो बन चुका है। खेल उद्यमियों के लिए अब आयात-निर्यात आसान हुआ।

-राकेश कोहली, निदेशक, स्टैग इंटरनेशनल


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