सरकार के साहूकार: इतने फीसद तक वसूल सकते हैं ब्याज, ऋण के बदले जमीन या आभूषण जो मर्जी लिखवा लें Meerut News
सरकार साहूकारों पर किस कदर मेहरबान है। इसकी बानगी लाइसेंस की फीस है। कोई भी व्यक्ति साहूकारी का लाइसेंस ले सकता है। फीस मात्र बीस रुपये है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 02:26 PM (IST)
मेरठ, [अनुज शर्मा]। साहूकार शब्द सुनते ही जहन में पुराने समय की क्रूर तस्वीरें उभरने लगती हैं। गरीबों की जमीन और संपत्ति को गिरवी रखकर पहले ब्याज पर पैसा देना, फिर ब्याज की फिरकी में गरीब को उलझाकर उसका सबकुछ हड़प लेने के आरोप साहूकारों पर लगते थे। अब भले ही शहर के लोग साहूकारों के पास न जाते हों, लेकिन कस्बों और गांवों में अभी भी साहूकारों की दुकान अच्छी चलती है। मेरठ जनपद में 415 लोगों को सरकार ने साहूकारी की अनुमति दी है। उन्हें इस बाबत लाइसेंस मिला है, वह भी केवल बीस रुपये में।
सरकार साहूकार पर मेहरबान
सरकार साहूकारों पर किस कदर मेहरबान है। इसकी बानगी लाइसेंस की फीस है। कोई भी व्यक्ति साहूकारी का लाइसेंस ले सकता है। फीस मात्र बीस रुपये है। तीन साल के लिए यह लाइसेंस मिलता है, जिसका सालाना शुल्क 15 रुपये है। समय से इसका नवीनीकरण न कराने पर पेनॉल्टी भी मात्र 5 रुपये है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व यह लाइसेंस जारी करते हैं। केवल मेरठ जनपद में ही साहूकारी करने वाले लोगों की संख्या कई हजार है। इनमें से 415 लाइसेंसधारी हैं। सरधना तहसील में 150, मवाना में 100 से ज्यादा लाइसेंस हैं।
पीढ़ियों से चल रहा काम
बड़ी संख्या में साहूकार ऐसे हैं जो कई पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं। मृत्यु पर प्रशासन इनके लाइसेंस में वारिसों के नाम परिवर्तन भी कर देता है।
इन्होंने कहा
साहूकारी का लाइसेंस कोई भी ले सकता है, लेकिन इसके लिए पुलिस सत्यापन कराया जाता है। बिना लाइसेंस साहूकारी करना गंभीर अपराध है। शिकायतों पर इस वर्ष 9 लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। फीस बढ़ाने की मांग राजस्व परीषद के समक्ष उठाई जाएगी।
- सुभाष चंद्र प्रजापति, एडीएम वित्त एवं राजस्व
बैंक से ज्यादा ब्याज लेना अपराध
साहूकारों पर सरकार की बंदिशों में सबसे अहम ब्याज का मसला है। ये बैंक से ज्यादा दर पर ब्याज नहीं वसूल सकते। फिलहाल 14 फीसद तक ये ब्याज वसूली कर सकते हैं। यह बात अलग है कि ऋण के बदले जमीन, आभूषण आदि गिरवी रखने की साहूकार की अपनी शर्ते होती हैं।
क्या-क्या करते हैं साहूकार
सरकार साहूकार पर मेहरबान
सरकार साहूकारों पर किस कदर मेहरबान है। इसकी बानगी लाइसेंस की फीस है। कोई भी व्यक्ति साहूकारी का लाइसेंस ले सकता है। फीस मात्र बीस रुपये है। तीन साल के लिए यह लाइसेंस मिलता है, जिसका सालाना शुल्क 15 रुपये है। समय से इसका नवीनीकरण न कराने पर पेनॉल्टी भी मात्र 5 रुपये है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व यह लाइसेंस जारी करते हैं। केवल मेरठ जनपद में ही साहूकारी करने वाले लोगों की संख्या कई हजार है। इनमें से 415 लाइसेंसधारी हैं। सरधना तहसील में 150, मवाना में 100 से ज्यादा लाइसेंस हैं।
पीढ़ियों से चल रहा काम
बड़ी संख्या में साहूकार ऐसे हैं जो कई पीढ़ियों से यह काम कर रहे हैं। मृत्यु पर प्रशासन इनके लाइसेंस में वारिसों के नाम परिवर्तन भी कर देता है।
इन्होंने कहा
साहूकारी का लाइसेंस कोई भी ले सकता है, लेकिन इसके लिए पुलिस सत्यापन कराया जाता है। बिना लाइसेंस साहूकारी करना गंभीर अपराध है। शिकायतों पर इस वर्ष 9 लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। फीस बढ़ाने की मांग राजस्व परीषद के समक्ष उठाई जाएगी।
- सुभाष चंद्र प्रजापति, एडीएम वित्त एवं राजस्व
बैंक से ज्यादा ब्याज लेना अपराध
साहूकारों पर सरकार की बंदिशों में सबसे अहम ब्याज का मसला है। ये बैंक से ज्यादा दर पर ब्याज नहीं वसूल सकते। फिलहाल 14 फीसद तक ये ब्याज वसूली कर सकते हैं। यह बात अलग है कि ऋण के बदले जमीन, आभूषण आदि गिरवी रखने की साहूकार की अपनी शर्ते होती हैं।
क्या-क्या करते हैं साहूकार
- लोगों को ब्याज पर पैसा देना।
- फटे पुराने नोट बदलने का काम।
- ऋण के बदले में जमीन, मकान, आभूषणों को गिरवी रखना।
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