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सेना के जवानों के साथ फौजी श्वान भी कर रहे स्पेशल ऑपरेशन

सैन्य यूनिटों की निगरानी के लिए जहां गार्ड डॉग्स तैनात किए जा रहे हैं, वहीं ऑपरेशंस के लिए आर्मी असॉल्ट डॉग्स को शामिल किया जा रहा है।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Fri, 22 Dec 2017 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 03:27 PM (IST)
सेना के जवानों के साथ फौजी श्वान भी कर रहे स्पेशल ऑपरेशन

मेरठ [अमित तिवारी]। भारतीय सेना की पैरा स्पेशल फोर्सेज (एसएफ) और एनएसजी कमांडो के ऑपरेशंस में जवानों के साथ सेना के फौजी श्वान भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। सरप्राइज अटैक हो या फिर आतंकियों को घेरकर ढेर करने का ऑपरेशन। श्वान बिना कोई आवाज किए दुश्मन पर पूरी ताकत से टूट पड़ते हैं। जवानों के साथ इनका तालमेल कुछ वैसा ही बन रहा है जैसे तीर का कमान से, गोली का बंदूक से और गोले का टैंक से होता है।

सरहदों पर बढ़ रही हुंकार: जम्मू-कश्मीर और देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों से जुड़ी सीमाओं पर ऑपरेशन को अंजाम देने की जिम्मेदारी स्पेशल फोर्स को दी जाती है। इन क्षेत्रों की रक्षा और सुरक्षा में तैनात सेना के इंफैंट्री बटालियन एवं राष्ट्रीय राइफल्स के साथ इन श्वानों को तैनात किया गया है। सैन्य यूनिटों की निगरानी के लिए जहां गार्ड डॉग्स तैनात किए जा रहे हैं, वहीं ऑपरेशंस के लिए आर्मी असॉल्ट डॉग्स को शामिल किया जा रहा है। इन ऑपरेशंस में मिल रही सफलता को देखते हुए सेना की 15 व 16 कोर में फौजी श्वानों की तैनाती की गई है।

एसएफ संग होती है विशेष ट्रेनिंग: एनएसजी कमांडो के पास आरवीसी की स्पेशल इंटीग्रेटेड यानी एकीकृत डॉग यूनिट है। एसएफ के साथ इन्हें जरूरत के अनुरूप ऑपरेशन में शामिल किया जाता है। पैरा एसएफ के ऑपरेशन में भेजने से पूर्व श्वान और उनके हैंडलर की करीब एक महीने ट्रेनिंग होती है।

पीछे से करते हैं हमला: श्वानों के लिए सबसे जरूरी अपने साथी फौजी और दुश्मन की पहचान करना होता है। असॉल्ट डॉग की ट्रेनिंग हथियारों को पहचानने में होती है। ट्रेनिंग में उन्हें अपनी सेना के हथियारों से परिचित कराया जाता है। ऑपरेशन के दौरान छिपकर हमला कर रहे आतंकियों से जवान सामने से लड़ते हैं और श्वान पीछे से जाकर उन पर हमला करते हैं। उसी दौरान ध्यान भटकते ही जवान आतंकी को मार गिराते हैं।

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क्या कहते हैं अधिकारी: रिमाउंट वेटनरी सर्विसेज के महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल अमोलक जीत सिंह कहते हैं, अमेरिकी और इजराइली सेना की भांति अब भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स भी आर्मी असॉल्ट डॉग्स का इस्तेमाल स्पेशल ऑपरेशंस में कर रही है। इन्होंने साथ में कई ऑपरेशंस को अंजाम दिया है जिनके परिणाम काफी बेहतर रहे हैं।
वहीं आरवीसी सेंटर एंड कॉलेज के पूर्व कमांडेंट रिटायर्ड मेजर जनरल पीएस नरवाल कहते हैं, स्पेशल ऑपरेशन में ये श्वान ठीक उसी तरह काम करते हैं जिस तरह के ऑपरेशन में अमेरिकी नेवी सील ने ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था। भारतीय नौसेना और वायु सेना भी इनकी मांग कर रही है।

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