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Player Death Inside Story: बैटिंग करते हुई खिलाड़ी की मौत, दो छक्के मारने के बाद कहा था, अभी ठहरो सीने में दर्द है और सिक्स मारूंगा

Insiide Story Of Player Death अपनी टीम को साल का आखिरी मैच जिताने के लिए ओपनिंग में उतरे थे दुष्यंत। मां की मौत के बाद तीनाें भाई-बहन का पालन-पोषण मामा के घर में हुआ। लोगों ने बताया कि दुष्यंत बहुत ही व्यवहार शील था। घर की पूरी जिम्मेदारी उसी के ऊपर थी। तीन साल पहले ही उसकी शादी सुनीता से हुई थी। उनके एक डेढ़ साल का बेटा है।

By Vinod Phogat Edited By: Abhishek Saxena Published: Mon, 25 Dec 2023 08:46 AM (IST)Updated: Mon, 25 Dec 2023 08:46 AM (IST)
दो छक्के मारने के बाद दुष्यंत बोला, अभी ठहरो सीने में दर्द है ओर छक्के मारूंगा

जागरण संवाददाता, मेरठ। अभी ठहरो और छक्के मारूंगा, सीने में दर्द है। यह कहकर दुष्यंत बल्लेबाजी छोड़कर मैदान के बाहर आकर बैठ गए। वह अपनी टीम से साल का आखिरी मैच जिताने की बात कहकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर पहुंचे थे।

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उन्होंने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 13 बाल में 31 रनों की धुंआदार पारी खेली। लेकिन भगवान का कुछ और ही मंजूर था। 15 मिनट आराम करने के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ी तो दोस्त गाड़ी में लेकर अस्पताल पहुंचे। रास्ते में ही दुष्यंत की मौत हो चुकी थी।

हर रविवार को खेलते थे मैच

साथी खिलाड़ी पुष्पेंद्र, मुकुल शर्मा, सुमित मित्तल, शैंकी ने बताया कि उनकी टीमें ओल्ड गन व दा ब्लास्टर क्लब है। वह लोग हर रविवार को क्रिकेट मैच खेलते है। मैच में सभी साथी हम उम्र होते है। इस बार उन्होंने कैंट बोर्ड से गांधी बाग के मैदान को बुक किया था। मैच खेलने के लिए दोनों टीमें सुबह 8:30 बजे मैदान पर पहुंच गई थी। टास होने के बाद ओल्ड गन क्लब पहले बल्लेबाजी करने उतरी।

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ओपनिंग में दुष्यंत वर्मा मैदान पर पहुंचे और धुंआधार पारी खेली। दुष्यंत वर्मा की तबीयत बिगड़ते ही मैदान पर सन्नाटा छा गया। पुष्पेंद्र ने उनके छोटे भाई शशांक वर्मा व पिता बिजेंद्र वर्मा को मामले की जानकारी देते हुए मेट्रो हास्पिटल बुलाया। यहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

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दुष्यंत की मौत की खबर पहुंचते ही इंद्रा नगर प्रथम में छाया सन्नाटा

मेरठ के इंदिरा नगर प्रथम स्थित दुष्यंत वर्मा के घर जैसे ही सुबह दस बजे उसकी मौत की सूचना पहुंची तो परिवार में कोहराम मच गया और गली में सन्नाटा पसर गया। जिस किसी ने यह खबर सुनी तो वह सन्न रह गया। दुष्यंत वर्मा अपने परिवार का बड़ा बेटा था। उससे छोटी बहन शालू और सबसे छोटा भाई शशांक वर्मा है। 

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फरवरी में होनी है बहन की शादी, घर में चल रही तैयारी

दुष्यंत व उसका भाई आनंद अस्पताल के पास मेडिकल स्टोर पर काम करते है। फरवरी में उसकी छोटी बहन शालू की शादी है। बहन की शादी के लिए घर में तैयारी चल रही है। भाई की मौत होने से शालू बार-बार बेहोश होकर गिर रही थी। आसपास की महिलाएं बहन व पत्नी को संभाले हुई थी। दोनों का रोना देखकर वहां मौजूद हर किसी की आंखे नम थी।

एक महीना पहले 24 नवंबर को हुई थी दुष्यंत के साढू की मौत

दुष्यंत के एक पड़ोसी ने बताया कि पिछले महीने 24 नवंबर को ही उसके साढू की मौत हुई थी। उसकी पत्नी सुनीता रविवार को अपनी बहन के घर मिलने जा रही थी। वह बहन के घर जाने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी थी, लेकिन उसकी समय दुष्यंत की मौत की खबर आ गई। जिसके बाद वह दहाड़े मारकर रोने लगी।

गांधी बाग के मैदान पर क्रिकेट खेलने के लिए कटती है पांच हजार की पर्ची

गांधी बाग स्थित मैदान पर क्रिकेट खेलने के लिए कैंट बोर्ड में पांच हजार रुपये की पर्ची कटवानी पड़ती है। क्रिकेट कोच तनकीब अख्तर ने बताया कि रविवार को मैदान खिलाड़ियों की प्रैक्टिस बंद रहती है। इस दिन लोकल टीमें मैत्री मैच खेलती है। हर रविवार को एक मैच ही कराया जाता है।


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