Chamoli Tragedy: अपने ‘लाल’ की आवाज सुनने को दिनभर अटकी रही सांस, हर पल... करते रहे फोन
उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बीच लापता हुए कसेरूखेड़ा खटकाना पुल व आजाद नगर के रहने वाले चारों युवकों की उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें केवल बालकराम ही शादीशुदा है। लापता युवकों को लेकर उनके स्वजन दिनभर परेशान रहे।
मेरठ, जेएनएन। उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बीच लापता हुए कसेरूखेड़ा खटकाना पुल व आजाद नगर के रहने वाले चारों युवकों की उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच है। इनमें केवल बालकराम ही शादीशुदा है। लापता युवकों को लेकर उनके स्वजन दिनभर परेशान रहे। कभी अपने रिश्तेदारों को फोन करते तो कभी उत्तराखंड में कंपनी के प्रतिनिधियों को। रात तक यही सिलसिला जारी रहा। हालांकि रात में जियो कंपनी के उच्च अधिकारी की ओर से सभी के सकुशल होने का दावा किया गया। लेकिन स्वजन ने कहा कि जब तक उनकी फोन पर बात नहीं हो जाती, तब तक उन्हें चैन नहीं आएगा।
खटकाना पुल निवासी सौरभ प्रजापति ने कहा कि चार फरवरी को उनका साला रोहित प्रजापति टीम लीडर के रूप में सभी कर्मचारियों के साथ उत्तराखंड के लिए रवाना हुआ था। बताया कि प्रदीप, बालकराम व अतुल के स्वजन दिनभर उनके पास चक्कर लगाते रहे। लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि रोहित समेत सभी लोग उत्तराखंड में जहां भी होंगे, सुरक्षित होंगे। रोहित की बहन परेशान है कि कोई उसे उसके भाई की खैर-खबर लाकर दे। प्रदीप की मां आशा को उत्तराखंड में आपदा वाले स्थान का नाम तक नहीं पता, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि प्रदीप लौटकर सकुशल घर पहुंच जाएगा। यही हाल अतुल व बालकराम के स्वजन का है।
चारों जगहों पर आसपास व पड़ोसी बार-बार आकर लापता युवकों के बारे में जानने की कोशिश करते रहे। स्वजन सोमवार रात तक अपनी उम्मीदों को बांधकर रखे रहे। हालांकि, उनके पास कोई फोन नहीं पहुंचा। उधर, जियो कंपनी के उच्च अधिकारी ने दावा किया कि मेरठ के सभी लोग जो टावर पर कार्य कर रहे थे। वह तपोवन से दस किमी ऊपर तोलना नाम की जगह पर सुरक्षित हैं, चूंकि त्रसदी में लैंडलाइन फोन, मोबाइल टावर, बिजली आपूर्ति सब कुछ तबाह हो गया। इसलिए बात नहीं हो पा रही है।