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मेरठ नगर निगम में जा सकती हैं कैंट की 4600 संपत्तियां, बदलाव को लेकर लोगों में बढ़ी उत्सुकता

Meerut Cantonment मेरठ छावनी में रहने वाले लोग जल्‍द एक बदलाव महसूस करने लगेंगे। कैंट के कुछ क्षेत्र जब नगर निगम के दायरे में आ जाएंगे तब यहां के लोगों की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। मेरठ छावनी में लगभग 4600 संपत्तियों का स्वामित्व बदल जाएगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Sat, 19 Mar 2022 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 19 Mar 2022 04:17 PM (IST)
Meerut Cantonment मेरठ कैंट क्षेत्र में जल्‍द ही बदलाव नजर आएगा।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ छावनी में रहने वाले लोगों की उम्मीद अब बढ़ गई हैं। उन्हें लग रहा है कि नगर निगम में आने से उनकी कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। रक्षा मंत्रालय ने जो प्रस्ताव तैयार कर सेना मुख्यालय से जवाब मांगा है, उसकी खबर ने ही छावनी के लोगों के चेहरे पर खुशी बिखेर दी है। ऐसे में जिस दिन यह योजना धरातल पर उतरेगी, तब लोगों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहेगा। अगर रक्षा मंत्रालय की योजना स्वीकृत होती है तो मेरठ छावनी में करीब 4600 संपत्तियों का स्वामित्व बदल जाएगा, कैंट बोर्ड के प्रबंधन से निकलकर सभी राज्य सरकार के पास आ जाएगा।

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478 एकड़ में सिविल क्षेत्र

रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव के अनुसार कैंट के ओल्ड ग्रांट और लीज की प्रापर्टी का स्वामित्व बदला जाएगा। मेरठ कैंट में कुल 4600 प्रापर्टी में करीब 250 प्रापर्टी लीज की हैं। बाकी ओल्ड ग्रांट हैं। कैंट का सिविल क्षेत्र 478 एकड़ है। जो राज्य सरकार को ट्रांसफर किया जा सकता है।

नक्शा आसानी से होगा पास

छावनी में अभी फ्री होल्ड का भी नक्शा आसानी से पास नहीं होता। इससे न चाहते हुए भी अवैध निर्माण की स्थिति बनती है। कैंट में शमन शुल्क लेकर अवैध निर्माण को कंपाउंड करने की प्रक्रिया भी केवल कागजों में है।

सड़क के प्रबंधन पर जोर

रक्षा मंत्रालय के प्रस्ताव में सड़क प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई है। राज्य सरकार और नगर निकाय को कैंट क्षेत्र की प्रमुख सड़कों को मेंटेन कराने की जिम्मेदारी रहेगी। कैंट क्षेत्र की सड़कों पर बहुत अधिक ट्रैफिक, भारी वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित रखा जाएगा।

चल रहा है हस्ताक्षर अभियान

कैंट का भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा। जनता को बहुत राहत मिलेगी। कैंट के कर्मचारी कानून का डर दिखाकर जनता को अपने घर की मरम्मत तक नहीं करने देते। नगर निगम में शामिल करने के लिए हम हर वार्ड में हस्ताक्षर अभियान भी चला रहे हैं। कैंट से बाहर जाने के प्रस्ताव की खबर पढऩे के बाद हमारे आंदोलन को और भी बल मिला है। जनता की आवाज को रक्षा मंत्रालय में पहुंचाया जाएगा।

- डा. सतीश चंद्र शर्मा, मनोनीत सदस्य, छावनी परिषद

कैंट की जटिलता की वजह से अभी बहुत से लोग जर्जर घर में रहने को विवश हैं, मरम्मत के लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। व्यापारियों को अपनी दुकानों में कुछ करना होता है तो उसके लिए भी कई तरह की समस्या आती है। नगर निगम में जाने से सभी परेशानी दूर हो जाएगी।

- सरदार राजवीर सिंह, संयुक्त सचिव, आबूलेन व्यापार संघ

कैंट से व्यापारी पूरी तरह से परेशान हैं। एक ईंट रखने पर भी कैंट के कर्मचारी वसूली करने आ जाते हैं। नगर निगम में आने से ये सारी किचकिच दूर होगी। अपनी प्रापर्टी पर लोन ले सकेंगे। कर्मचारियों के भ्रष्टाचार से भी बचेंगे।

- सुनील दुआ, अध्यक्ष, सदर व्यापार मंडल

मेरा पैतृक आवास कैंट में है। यहां कई मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है। नगर निगम में आना अच्छा रहेगा, हालांकि इसमें कैंट की जो खूबसूरती और खुली हवा है, उस पर भी ध्यान देना जरूरी होगा। कैंट के सिविल क्षेत्र के नगर निगम में आने से संभव है की स्मार्ट सिटी मेरठ अन्य मापदंड पर खरा उतर जाए। जनहित में यह बदलाव अच्छा रहेगा।

- हरीश वाधवा, मुख्य प्रबंधक, एसबीआइ


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