Move to Jagran APP

पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में बनेगा बर्ड वाचिंग सेंटर

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 01:40 AM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 01:40 AM (IST)

अमित तिवारी, मेरठ

स्वच्छ पर्यावरण व स्वस्थ वातावरण में बेहतरीन प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस ट्रेनिंग स्कूल परिसर में सैकड़ों प्रजातियों के हजारों पेड़ लगाए गए हैं। अब इन पेड़ों पर बड़ी संख्या में पक्षियों ने बसेरा बना लिया है। पक्षियों की प्रजातियों व इनकी संख्या को देखते हुए यहां बर्ड वाचिंग सेंटर बनाने की योजना बन रही है। जल्द ही इसकी रूपरेखा तैयार कर स्कूली बच्चों के लिए पर्यावरणीय विजिट में बर्ड वाचिंग कराया जाएगा। पुलिसकर्मियों को दी जाने वाली स्ट्रेस मैनेजमेंट की ट्रेनिंग में भी बर्ड वाचिंग को जोड़ा जा सकता है।

जन्मे मोर के बच्चे

मोरनी की उपस्थिति को देखते हुए ही यहां कुछ झाड़ियां छोड़ दी गई थीं। सुरक्षित चारदीवारी में मोरनी ने बच्चों को जन्म दिया है। वह अब करीब डेढ़ महीने के हो गए हैं। मोरनी को जमीन पर अंडों को सेहने में करीब एक महीना लगता है, लेकिन कुत्तों व अन्य जानवरों से बचाना मुश्किल होता है।

एक सौ से अधिक हैं प्रजातियां

वर्षभर के दौरान एक सौ से अधिक प्रजातियां देखी जा रही हैं। गर्मियों में 60 से 65 प्रजातियां आसानी से दिख रही हैं। बर्ड वाचिंग का बेहतरीन समय सूर्य निकलने के 15 मिनट बाद का होता है। इस समय अधिकतर पक्षी भोजन की तलाश में इधर-उधर भटकती हैं। गर्मियों में इन्हें सुबह-शाम, जबकि सर्दियों में दिनभर देख जा सकता है।

25 हजार हैं पेड़

बेहतर पर्यावरण के लिहाज से 80 एकड़ में फैले पीटीएस में छोटे-बड़े कुल मिलाकर लगभग 25 हजार पेड़ लगे हैं। इनमें पीपल, बरगद, गूलर, सेमल, संतरा, अनार, आम, नीम, आंवला, अमलतास, अर्जुन व अमेड़ा सहित कई मेडिसिन प्लांट भी लगाए गए हैं।

ये हैं पक्षियों की कुछ प्रजातियां

ब्लैक ड्रोंगो - बुजंग, कोतवाल

पर्पल सनबर्ड - शकर खोरा

ओरिएंटल व्हाइट आई - बबूना

ऐशी प्रिनिया - सफेद फुदकी

जंगल बैब्लर - गोगाई

कॉमन हूपे - हुड़-हुड़

लिटिल ग्रीन बी-ईटर - पत्रिंगा

व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर - कौरिल्ला

स्पॉटेड आउलेट - खकूसत

रोजरिंग्ड पैराकीट - देशी तोता

इन्होंने कहा..

हरियाली बढ़ने से पक्षियों की संख्या बढ़ी है। स्कूली बच्चों को पर्यावरण से जोड़ना जरूरी है। यहां बच्चों के लिए बर्ड वाचिंग के साथ ही हम उन्हें पुलिस की कार्यशैली से भी अवगत करा सकेंगे।

- महेश कुमार मिश्रा, डीआइजी, पीटीएस

पक्षियों के आकर्षण के लिए सुरक्षित पर्यावरण जरूरी होता है जो पीटीएस परिसर में है। आला अधिकारियों की पहल से इन्हें और अधिक व्यवस्थित किया जा सकता है।

- रजत भार्गव, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं ओर्निथोलॉजिस्ट।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.