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मेरठ में 1.61 लाख भवनों पर नहीं लग रहा जल मूल्य, अब कवायद हुई शुरू Meerut News

नगर निगम के जलकल विभाग के रिकार्ड में केवल 1.19 लाख भवनों में ही जल कनेक्शन हैं। जिनके सापेक्ष जल मूल्य वसूली होती है। नियमानुसार नगर निगम में दर्ज शत-प्रतिशत संपत्तियों से जल मूल्य वसूला जाना चाहिए। इसके लिए जिन भवनों में जल कनेक्शन नहीं है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 07:30 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:30 AM (IST)
मेरठ में लाखों घरों से जल कर नहीं ल‍िया जा रहा।

मेरठ, जेएनएन। यह जानकार आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि मेरठ नगर निगम अंतर्गत 1.61 लाख भवनों पर जल मूल्य नहीं लग रहा है। जबकि नगर निगम में लगभग 2.80 लाख संपत्तियां हैं। अब बड़े पैमाने पर छूटे भवनों को जल मूल्य के दायरे में लाने के लिए नगर निगम अधिकारियों की तरफ से कवायद शुरू की गई है। 

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यह है मामला

नगर निगम के जलकल विभाग के रिकार्ड में केवल 1.19 लाख भवनों में ही जल कनेक्शन हैं। जिनके सापेक्ष जल मूल्य वसूली होती है। नियमानुसार नगर निगम में दर्ज शत-प्रतिशत संपत्तियों से जल मूल्य वसूला जाना चाहिए। इसके लिए जिन भवनों में जल कनेक्शन नहीं है। उनमें जल कनेक्शन देकर यह वसूली सुनिश्चित करने का प्रावधान है। लेकिन जलकल विभाग की लापरवाही के चलते निगम को हर साल करोड़ों रुपये की चपत लग रही है। वित्तीय वर्ष 2021 में 1.19 लाख जल कनेक्शनों के सापेक्ष जल मूल्य वसूली का लक्ष्य लगभग तीन करोड़ निर्धारित है। अभी तक जलकल विभाग ने लगभग 1.70 करोड़ जल मूल्य वसूला है। जबकि वित्तीय वर्ष के दो माह शेष हैं। ऐसे में लगभग 1.30 करोड़ जल मूल्य वसूली चुनौती है। गत दिनों महाप्रबंधक जल की जिम्मेदारी पाने के बाद सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने इस दिशा में काम शुरू किया है। उनका कहना है कि अभी जल मूल्य की रसीद मैनुअल काटी जाती है। जिसके चलते जल मूल्य की शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करना कठिन काम है। गृहकर, जलकर, सीवरकर के साथ जल मूल्य की वसूली को भी समायोजित करना उचित होगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। जो नगर आयुक्त के समक्ष रखेंगे। गृहकर, जलकर, सीवरकर एक साथ आनलाइन जमा करने की सुविधा है। अगर जल मूल्य भी इसमें समायोजित हो जाएगा तो छूटे भवन भी कवर हो जाएंगे और शत-प्रतिशत जल मूल्य आने लगेगा। साथ ही जल कनेक्शन की संख्या में भी वृद्धि होगी।


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