Sharad Purnima: महारास की मुद्रा में दर्शन देंगे बांकेबिहारी, अधरों पर होगी मुरली, धारण करेंगे हीरे-जवाहरात
Sharad Purnima साल में एक बार ही बांकेबिहारी मंदिर में कोई उत्सव मनता है। इस बार की शरद पूर्णिमा पर महारास की मुद्रा में ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन भक्तों को मिलेंगे। समय में भी एक घंटे की बढ़ोत्तरी हुई है। शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में विराजेंगे ठाकुरजी।
मथुरा, जागरण टीम। शरद पूर्णिमा, वह दिन जब रात में धवल चांदनी के बीच आसमान से अमृत बरसेगा। यही वह रात है, जिस रात भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजगोपियों संग कालिंदी किनारे वंशीवट पर महारास रचाया था। मोर-मुकुट, कटि-काछनी, हीरे-मोती और जवाहरात के साथ सोलह श्रृंगार कर जब आराध्य बांकेबिहारी मुरली बजाते भक्तों को दर्शन देंगे। भक्त भी निहाल हो उठेंगे।
बांकेबिहारी मंदिर के समय में एक घंटा बढ़ाया
नौ अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर मंदिर प्रबंधन ने ठाकुरजी के दर्शन के समय में सुबह और शाम एक-एक घंटे की बढ़ोतरी की है। श्रद्धालुओं को दर्शन सुलभ हो सकें।ठा. बांकेबिहारी मंदिर में हर उत्सव वर्ष में एक ही दिन मनाया जाता है। मंदिर सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। यही कारण है भगवान श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात वंशीवट पर गोपियों संग महारास किया था। तभी से परंपरा पड़ी और शरद की रात ठाकुरजी को चंद्रमा की रोशनी में विराजमान कराया जाता है, उन्हें खीर का भोग अर्पित करते हैं।
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साल में एक ही दिन देते हैं महारास की मुद्रा में दर्शन
ठा. बांकेबिहारी वर्ष में एक ही दिन शरद पूर्णिमा पर महारास की मुद्रा में वंशी धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। जब वह श्वेत परिधान में चांदी के सिंहासन पर विराजमान होकर मंदिर के जगमोहन में दर्शन देंगे, तो आसमान से चंद्रमा की धवल चांदनी उनके ऊपर पड़ेगी।
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एक घंटे अधिक होंगे दर्शन
मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया, श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए सुबह और शाम दोनों ही सेवाओं में एक-एक घंटे देर तक दर्शन खोलने का निर्णय लिया गया है। सुबह 7.45 बजे से दोपहर एक बजे तक दर्शन होंगे। शाम को 5.30 बजे से रात साढ़े दस बजे शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद होंगे।
इन मंदिरों में होंगे चंद्रमा की चांदनी में दर्शन
शरद पूर्णिमा पर ठा. राधा सनेह बिहारी मंदिर, राधा दामोदर मंदिर, राधारमण मंदिर, राधाश्याम सुंदर मंदिर, गोविंद देव मंदिर, गोपीनाथ मंदिर, मदन मोहन मंदिर समेत सभी मंदिरों में ठाकुरजी चंद्रमा की रोशनी में श्वेत पोशाक धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे।