अभिजीत हत्याकांड: भाई पर अटकी शक की सूई, सीसी कैमरे और कॉल डिटेल खोलेंगी राज
एएसपी पूर्वी बोले, किसी अन्य की भूमिका छानबीन की जा रही। अकेले मीरा द्वारा हत्या किए जाने को लेकर सवाल उठ रहे।
लखनऊ(जेएनएन )। अभिजीत की हत्या के आरोप में पुलिस ने भले ही उसकी मां मीरा को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन, वह इस आशंका को खारिज नहीं कर रही है कि वारदात में किसी अन्य की भूमिका नहीं हो सकती। एएसपी पूर्वी का कहना है कि मीरा के अलावा हत्याकांड में किसी अन्य की भूमिका है या नहीं इसके बारे में छानबीन की जा रही है। बड़े बेटे अभिषेक से पूछताछ की गई है और उसकी संलिप्तता की दिशा में भी पड़ताल जारी है।
अभिषेक एफआइ टॉवर में रहता है और सेक्टर 10 इंदिरानगर में कंस्ट्रक्शन का काम कर रहा है। मीरा ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि अभिषेक शनिवार रात 11 बजे घर से निकला था और अगले दिन सूचना देने पर वापस आया था। अभिषेक की कद काठी देखते हुए अकेले मीरा द्वारा हत्या किए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में पुलिस अभिषेक के मोबाइल फोन की लोकेशन भी निकलवा रही है। पुलिस के मुताबिक अभिषेक का कहना है कि वह शनिवार रात में एफआइ टॉवर सोने चला गया था। अभिषेक के बयान की पुष्टि के लिए टॉवर में लगे सीसी कैमरे खंगाले जाएंगे। अगर अभिषेक ने साक्ष्य छिपाने अथवा मिटाने का भी आरोपित पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस दारुलशफा बी ब्लॉक में तैनात कर्मचारियों से भी पूछताछ की है और उनके बयान दर्ज किए हैं।
कई बार हमला कर चुका था बेटा
सूत्रों के मुताबिक मीरा ने पुलिस को बताया है कि अभिजीत ने पूर्व में कई बार शराब के नशे में उसपर हमला किया था। मीरा ने महिला पुलिसकर्मियों को चोट के निशान भी दिखाए। शरीर पर उसके कई जगह कटे के निशान दिखे, जिसे मीरा ने मारपीट में लगने की बात कही है।
मीरा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
मीरा को गिरफ्तार करने के बाद सोमवार दोपहर में पुलिस टीम उसे सीजीएम कोर्ट लेकर पहुंची। इस दौरान मीरा को न्यायालय में पेश किया गया, जिसके बाद मुख्य न्यायिक अधिकारी आनंद प्रकाश सिंह ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
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इंस्पेक्टर ने अब सील किया कमरा
अभिजीत हत्याकांड में हजरतगंज पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। मीडियाकर्मियों की सूचना पर घटना की जानकारी मिलने के बाद रविवार को दारुलशफा स्थित विधायक निवास पहुंचे इंस्पेक्टर हजरतगंज राधारामण सिंह ने उच्चाधिकारियों को गुमराह किया था। इंस्पेक्टर ने अधिकारियों से स्वाभाविक मौत की कहानी बताई थी।
उधर, मीडियाकर्मियों के दबाव में आननफानन पुलिस ने सिकंदरबाग चौराहे पर शव वाहन रोका था और फिर पोस्टमार्टम कराने की बात कही थी। खास बात यह है कि आइजी सुजीत पांडेय ने रविवार को ही घटना स्थल का कमरा सील करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके इंस्पेक्टर ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सोमवार दोपहर में अधिकारियों की फटकार के बाद फौरन कमरा सील किया गया। इससे पहले यह कमरा खुला रहा।
मीडिया को दूर रखने की कोशिश
मीरा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस सोमवार सुबह से ही उसे मीडिया से दूर रखने का प्रयास कर रही थी। पुलिस ने मीरा को मीडियाकर्मियों से बात नहीं करने दी और उसे लेकर कोर्ट के लिए रवाना हो गए। सूत्रों के मुताबिक पुलिसकर्मियों को मीडिया से मीरा को दूर रखने के निर्देश दिए गए थे।
शोक संवेदना जताने रमेश यादव के घर पहुंचे मंत्री, विधायक
विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के बेटे की गला घोंट कर हत्या किये जाने की खबर फैलने के बाद सोमवार को मंत्री और विधायक उनसे मिलने 12, कालिदास मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पहुंचे।
सोमवार को उनके आवास जाकर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश, भाजपा एमएलसी केदारनाथ सिंह व जयपाल सिंह व्यस्त, विधान परिषद सदस्य राज बहादुर सिंह चंदेल व चेत नारायण सिंह के अलावा कई अन्य विधायकों ने भी उनसे मुलाकात की। बेटे की हत्या में अपनी दूसरी पत्नी मीरा यादव का नाम सामने आने से उपजी असहज स्थिति को देखते हुए उन्होंने मीडियाकर्मियों को अपने सरकारी आवास में न घुसने देने की हिदायत सुरक्षाकर्मियों को दे रखी थी। दोपहर लगभग डेढ़ बजे रमेश यादव गाड़ी से अपने गृह जिले एटा के लिए रवाना हो गए।