UP Budget Session 2022: यूपी बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के निश्चय और विपक्ष के हंगामे के बीच हुई आजमाइश
UP Budget Session 2022 यूपी बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रगान के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जैसे ही अभिभाषण शुरू किया सपा सदस्य तख्तियां लहराते वेल की बची खुची जगह में पहुंच गए और बाकी अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी और हंगामा करने लगे।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बाहर पानी बरस रहा था और विधानसभा मंडप में राज्यपाल और सरकार पर विपक्ष। सोमवार को विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन विपक्ष की नारेबाजी और हंगामे से निस्तब्ध राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधान परिषद और विधान सभा की संयुक्त बैठक के समक्ष अभिभाषण दिया।
हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखीं तख्तियां लेकर अपने आसन के सामने लहराते विपक्षी सदस्यों की उत्तेजना उनके निश्चय को और दृढ़ता प्रदान कर रही थी। पहले 'राज्यपाल वापस जाओ' और फिर 'राज्यपाल गो बैक' के प्रतिकारक नारों की अनवरत गूंज के बीच उन्होंने 43 पन्नों का अभिभाषण एक घंटा, एक मिनट और 15 सेकेंड में तन्मयता से पढ़ा और इसके बाद ही मेज पर रखे पानी के गिलास की ओर हाथ बढ़ाया।
वर्ष 2022 के साथ ही अठारहवीं विधानसभा का भी पहला सत्र होने के नाते बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होनी थी। विधानसभा मंडप में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के समक्ष अभिभाषण के लिए सदन के वेल में विधान परिषद सदस्यों के लिए कुर्सियां लगाई गई थीं। सुबह 10.30 बजे से ही विधान सभा मंडप में दोनों सदनों के सदस्य पहुंचने लगे थे। भाजपा सदस्य केसरिया तो सपा सदस्य लाल टोपियां लगाए थे।
हाथों में तख्तियां लिए सपा सदस्यों के जत्थे के साथ नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सुबह 10.50 बजे सदन में पहुंचे। सुबह 11 बजे राज्यपाल के साथ मुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना के सदन में दाखिल होते ही सपा सदस्यों ने शोरशराबा शुरू कर दिया।
राष्ट्रगान के बाद राज्यपाल ने जैसे ही अभिभाषण शुरू किया सपा सदस्य तख्तियां लहराते वेल की बची खुची जगह में पहुंच गए और बाकी अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी और हंगामा करने लगे। बसपा के विधान परिषद सदस्य भी हाथों में तख्तियां लेकर खड़े हो गए।
बसपा नेता उमाशंकर सिंह, कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा व पार्टी एमएलसी दीपक सिंह ने खड़े होकर विपक्ष के विरोध को समर्थन दिया, वहीं सपा के सहयोगी रालोद के विधायक भी नारेबाजी में शामिल हुए। इस दौरान अखिलेश अपनी सीट पर बैठे रहे।
तख्तियों पर 'अंधेर नगरी चौपट राजा, भ्रष्टाचार यूपी में सबसे ज्यादा', 'जब से भाजपा आई है, कमर तोड़ महंगाई है', 'सांड़ों के हमलों से होने वाली मौतों से लोगों को बचाओ', 'नौजवानों को नफरत नहीं, रोजगार बांटो', 'दलितों का उत्पीड़न बंद करो', 'पुरानी पेंशन बहाल करो', जैसे नारे लिखे थे।
सपा की महिला विधायकों ने पालिथीन की सफेद जैकेट पहन रखी थीं जिनके पृष्ठ भाग पर अंकित था 'जब से भाजपा सरकार आई है, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ाई है।' कई सपा सदस्य पोस्टर को शंकु आकार देकर उसे भोंपू की तरह इस्तेमाल कर रहे थे।
सदन में विपक्ष की नारेबाजी का वर्चस्व बीच-बीच में तब टूटता जब अभिभाषण के दौरान राज्यपाल की ओर से सरकार की विशेष उपलब्धियों का उल्लेख करने पर सत्ता पक्ष के सदस्य जोर से मेजें थपथपाते और विजय भाव में हुंकार भरते। एक बार क्षण भर के लिए विधान सभा मंडप की बत्ती गुल हुई लेकिन इससे अविचलित राज्यपाल ने अभिभाषण जारी रखा। दोपहर 12.10 बजे अभिभाषण समाप्त होने पर राष्ट्रगान के बाद राज्यपाल विधान सभा मंडप से चली गईं।
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