लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस्तीफा देने के साथ ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली है। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला।
लखनऊ में अपने आवास पर स्वामी प्रसाद मौर्य के तेवर भाजपा को लेकर बेहद तल्ख थे। उनके आवास पर भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक एकत्र थे। बसपा से चार बार तथा भाजपा से एक बार विधायक स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से कहा कि आगे की धार और आगे की वार देखते रहिए। अभी तो भाजपा से 10 से 12 और विधायक इस्तीफा देंगे। इसके बाद मैं एक या दो दिन में पूरी स्थिति से मीडिया को रूबरू कराउंगा कि आगे मुझे क्या करना है। पत्रकारों से बातचीत में स्वामी प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में किसान, दलित और नौजवानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह बर्दाश्त नहीं है। मैंने मंत्रिमंडल के साथ बाहर भी मंत्रियों से बात की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में बिना सम्मान के भाजपा में नहीं रह सकता था। उन्होंने कहा कि इस्तीफे से पहले उन्होंने सुनील बंसल और डिप्टी सीएम से बात की।
स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश में पिछड़ों के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य कभी बसपा सुप्रीमो मायावती का दाहिना हाथ हुआ करते थे। स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में भी कैबिनेट मंत्री रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा से भाजपा में आए थे। मंत्री होने के बावजूद वो भाजपा में खुद को उपक्षेति महसूस कर रहे थे। मौर्य की सबसे बड़ी शिकायत है कि सीएम योगी आदित्यनाथ उनसे ठीक से बात तक नहीं करते थे।
इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा में शामिल होने की जानकारी खुद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर जानकारी दी है। अखिलेश यादव ने लिखा कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लडऩे वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।
- Fakhrul Hasan Chaand (@chaandsamajwadi) 11 Jan 2022
स्वामी प्रसाद मौर्या ने भाजपा मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया अखिलेश आ रहे है
- Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) 11 Jan 2022
- Abdul Hafiz Gandhi (@abdulhafizgandhi) 11 Jan 2022
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