प्रतापगढ़ निवासी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रायबरेली के बाद कुशीनगर को बनाया कार्यक्षेत्र
Swami Prasad Maurya स्वामी प्रसाद मौर्य मूलरूप से प्रतापगढ़ जिले में चकवड़ के रहने वाले हैं। मौर्य ने 1980 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत राष्ट्रीय लोकदल से की थी। रायबरेली के डलमऊ के बाद कुशीनगर के पडरौना को अपना कार्यक्षेत्र बनाया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का निवास तथा कार्यक्षेत्र भी काफी जुदा है। प्रतापगढ़ के मूल निवासी स्वामी प्रसाद ने रायबरेली के डलमऊ के बाद कुशीनगर के पडरौना को अपना कार्यक्षेत्र बनाया है।
राष्ट्रीय लोकदल से राजनीति का सफर शुरू करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य जनता दल में रहे और फिर सबसे लम्बा समय बहुजन समाज पार्टी में बिताया। बसपा प्रमुख मायावती के बेहद खास होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 ने विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
स्वामी प्रसाद मौर्य मूलरूप से प्रतापगढ़ जिले में चकवड़ के रहने वाले हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म 2 जनवरी 1954 को चकवाड़, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में बदलू मौर्य के यहां हुआ। उनकी शादी शिव मौर्य से हुई है।मौर्य ने 1980 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत राष्ट्रीय लोकदल से की थी। लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने और जून 1981 से 89 तक महामंत्री भी रहे। 1989 से 91 तक यूपी लोकदल के सचिव भी रहे। इसके बाद उन्होंने जनता दल का दामन पकड़ा और 1991 से 95 तक इस पार्टी के महासचिव पद पर रहे। दो जनवरी 1996 को बसपा की सदस्यता ली। प्रदेश महासचिव बने।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमए और ला स्नातक करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा से ही 1996 में रायबरेली जिले के डलमउ विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनकर पहली बार सदन पहुंचे। मई 2002 से अगस्त 2003 तक मंत्री रहे। अगस्त 2003 से बसपा के नेता प्रतिपक्ष रहे। 2007 से 2009 तक बसपा सरकार में मंत्री भी रहे। इसी वर्ष उन्होंने कुशीनगर जिले की तरफ राजनीतिक कदम बढ़ाया और 2009 में कुशीनगर लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े और हार का सामना करना पड़ा।
कुंवर आरपीएन सिंह के चुनाव जीतकर सांसद बनने के बाद खाली हुई पडरौना विधानसभा सीट पर 2009 में हुए उप चुनाव पुन: बसपा के उम्मीदवार के रूप में मौर्य चुनाव लड़े और जीत मिली। इस सीट पर पुन: 2012 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। इसी बीच बसपा का साथ छोड़कर आठ अगस्त 2016 को भाजपा का दामन थाम लिया और 2017 में पडरौना विधान सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई। मौर्य की बेटी संघ मित्रा भाजपा से ही बदायूं से सांसद हैं।