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उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव : भाजपा के दस प्रत्याशी घोषित, प्रतापगढ़ सीट सहयोगी अपना दल (एस) के लिए छोड़ी

उप चुनाव में भाजपा ने प्रतापगढ़ से प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। देर रात सहयोगी दल अपना दल (एस) ने अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 02:47 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 07:22 AM (IST)
उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव : भाजपा के दस प्रत्याशी घोषित, प्रतापगढ़ सीट सहयोगी अपना दल (एस) के लिए छोड़ी
उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव : भाजपा के दस प्रत्याशी घोषित, प्रतापगढ़ सीट सहयोगी अपना दल (एस) के लिए छोड़ी

लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ने नवरात्रि के पहले दिन उत्तर प्रदेश विधानसभा उप चुनाव के लिए अपने दस प्रत्याशियों का नाम तय कर दिया है। 11 सीट पर होने वाले उप चुनाव में भाजपा ने प्रतापगढ़ से प्रत्याशी नहीं घोषित किया है। माना जा रहा है कि प्रतापगढ़ सीट भाजपा ने अपने सहयोगी दल अपना दल (एस) के लिए छोड़ी है। दिन भर माथापच्ची के बाद देर रात अपना दल (एस) ने प्रतापगढ़ विधानसभा सीट के लिए राजकुमार पाल को प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा के सभी उम्मीदवारों का नामांकन सोमवार को होगा। 21 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 24 अक्टूबर को परिणाम सामने आ जाएंगे। 

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भाजपा ने लखनऊ की लखनऊ कैंट सीट से अनुभवी सुरेश तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। अम्बेडकरनगर के जलालपुर से राजेश सिंह, कानपुर के गोविंनगर से सुरेंद्र मैथानी, मऊ के घोसी (सुरक्षित) विधानसभा से विजय राजभर, बाराबंकी के जैदपुर (सुरक्षित) से अम्बरीश रावत, बांदा के मानिकपुर से आनंद शुक्ला, अलीगढ़ की इगलास (सुरक्षित) से राजकुमार सहयोगी, रामपुर की रामपुर सदर से भारत भूषण गुप्ता तथा सहारनपुर के गंगोह से किरत सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

इन सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होना है। 30 सितंबर नामांकन की आखिरी तारीख है और आज भाजपा ने दस 11 नामों की घोषणा कर दी है।

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भाजपा को नाम घोषित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक-एक सीट पर आधा दर्जन से अधिक बड़े दावेदार थे। टिकट पाने के सभी इच्छुक ने दिल्ली तथा लखनऊ को मथ कर रख दिया था।

आज होगा नामांकन, पहुंचेंगे मंत्री और प्रदेश पदाधिकारी

भाजपा प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने सरकार के मंत्रियों और प्रदेश पदाधिकारियों को अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंचकर नामांकन कराने की जिम्मेदारी दी है। इनके अलावा स्थानीय सांसद, विधायक, जिलों के पदाधिकारी भी प्रत्याशियों के साथ नामांकन कराने जाएंगे। लखनऊ कैंट में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन तथा प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर, बाराबंकी के जैदपुर में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा व प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल, सहारनपुर के गंगोह में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, धर्म सिंह सैनी और विजयपाल सिंह तोमर, रामपुर में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, राज्यमंत्री महेश गुप्ता व देवेंद्र सिंह, अलीगढ़ के इगलास में मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायाण, गन्ना मंत्री सुरेश राणा और प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल, कानपुर के गोविंदनगर में मंत्री सतीश महाना, नंद गोपाल गुप्ता नंदी व रामनरेश अग्निहोत्री तथा प्रदेश उपाध्यक्ष रंजना उपाध्याय, चित्रकूट के मानिकपुर में जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह, कमला रानी वरुण और प्रकाश पाल, अंबेडकरनगर के जलालपुर में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, कानून मंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यमंत्री गिरीश यादव और भाजपा प्रदेश मंत्री संतोष सिंह, बहराइच के बलहा में मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, जयप्रताप सिंह, रमापति शास्त्री, उपेंद्र तिवारी व प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता, प्रतापगढ़ में मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह, स्वाती सिंह, रवींद्र जायसवाल एवं प्रदेश मंत्री शंकर गिरी रहेंगे, जबकि मऊ में वन मंत्री दारा सिंह चौहान, अनिल राजभर, सुरेश पासी व प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र शुक्ल को दायित्व सौंपा गया है। 

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कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय हैं मैथानी

सुरेंद्र मैथानी कार्यकर्ताओं में बेहद लोकप्रिय नेता हैं और उनके टिकट मिलने से कार्यकर्ताओं ने खुशी जताई। उत्तराखंड मूल के सुरेंद्र मैथानी का जन्म कानपुर में हुआ और यहीं पर प्रारंभिक शिक्षा हुई। उनके पिता सच्चिदानंद मैथानी सरकारी सेवा में थे और उनके तबादले के समय कुछ वर्षों तक गोरखपुर में वह रहे और यहीं से संघ के स्वयंसेवक बने।

इसके बाद वह कानपुर आकर बस गए और गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र में आवास बनाया। 38 वर्ष से संघ और 25 वर्ष से भाजपा में सक्रिय 54 वर्षीय एडवोकेट सुरेंद्र मैथानी पिछले आठ साल से महानगर और कानपुर उत्तर जिलाध्यक्ष हैं। इससे पहले भी वह कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

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तीन दशक से जुडे हैं किरत सिंह माही

भाजपा ने गंगोह उपचुनाव में जिला महामंत्री किरत सिंह माही को प्रत्‍याशी घोषित किया है।

किरत सिंह करीब तीन दशक से पार्टी से जुड़े हुए हैं। किरत सिंह सहारनपुर के रामपुर मनिहारन के गांव ओमाही के रहने वाले हैं। 

रामपुर से भाजपा प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता

रामपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी भारत भूषण गुप्ता तहसील मिलक के गांव धमोरा के रहने वाले हैं। वह बहुजन समाज पार्टी से शहर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वह दो बार जिला पंचायत सदस्य भी रहे।

वैश्य सभा के अध्यक्ष होने के साथ ही व्यापारी नेता भी हैं। दिसंबर 2014 में उनको केंद्रीय राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मोबाइल के जरिये पार्टी की ऑनलाइन सदस्यता ग्रहण कराई थी।

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं आनंद

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आनंद शुक्ला का चित्रकूट से पुराना नाता है। यहां पर उनका कारोबार है और मऊ मानिकपुर में रिश्तेदारों से जुड़े रहे। वर्ष 2013 से भाजपा से जुड़े आनंद ने 2014 में बांदा चित्रकूट लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी की थी।

2016 में गाजियाबाद से पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति में सदस्य बने और उन्होंने चित्रकूट को कार्यक्षेत्र बनाया। पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक जाटव ने बताया कि उनके कार्यकाल में आनंद को जिला कोटे से सदस्य बनाया गया था। वह काफी समय से सक्रिय हैं और मऊ मंडौर से अधिक जुड़ाव है।

जिन 11 विधानसभा क्षेत्रों में 21 अक्टूबर उप चुनाव होने हैं उनमें 2017 में रामपुर के रामपुर सदर से समाजवादी पार्टी के आजम खां और अम्बेडकरनगर के जलालपुर से बसपा के रीतेश पांडेय चुनाव जीते थे। बाकी आठ सीटें भाजपा और एक अपनादल एस ने जीती थीं। अब भाजपा सभी सीटें अपने हिस्से करना चाहती है। इसी कारण जाति के साथ स्थानीय समीकरण पर भी जोर है। विधानसभा उप चुनाव में 11 में से तीन सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।

दिन भर माथापच्ची के बाद पार्टी ने देर रात अपना दल (एस) ने प्रतापगढ़ विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में राजकुमार पाल को प्रत्याशी घोषित किया है। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश पटेल ने दी। बीजेपी ने प्रतापगढ़ सीट सहयोगी अपना दल (एस) के लिए छोड़ी थी। सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन है।

उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सभी सियासी पार्टियां उपचुनाव में जोर-आजमाइश करेंगी। सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी की बात हो या समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी या कांग्रेस, इस बार सभी दल उपचुनाव में उतर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए जहां इस उपचुनाव में अपनी सीटें बचाने की चुनौती है, वहीं विपक्षी दलों के लिए यह साख बचाने की चुनौती वाला चुनाव कहा जा रहा है। 


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