सपा कुनबे में अब सीएम योगी आदित्यनाथ का आकर्षण
समाजवादी कुनबे में कलह के बीच योगी से शिवपाल सिंह यादव की इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब जनता के साथ ही समाजवादी पार्टी के कुनबे में आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कल पूर्व मंत्री और सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव की भेंट ने इसको और मजबूत कर दिया है।
समाजवादी कुनबे में कलह के बीच योगी से शिवपाल सिंह यादव की इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं। यह सवाल उठने लगा है कि अब क्या समाजवादी पार्टी के कुनबे में फिर कोई खिचड़ी पक रही है।
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हालांकि शिवपाल ने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताते हुए कहा कि 'इसके कोई राजनैतिक मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। सरकार के सकारात्मक कार्यों में हमारा सहयोग रहेगा। शिवपाल सिंह यादव की सीएम से इस मुलाकात में उनके पुत्र और पीसीएफ के सभापति आदित्य यादव भी मौजूद थे। शिवपाल को अपने पुत्र के भविष्य की भी चिंता सता रही है।
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मुलायम परिवार के ज्यादातर युवा राजनीति में स्थापित हो चुके हैं लेकिन, अभी पीसीएफ छोड़कर आदित्य को कोई मौका नहीं मिला। समाजवादी कुनबे में चुनाव से पहले छिड़ी रार अभी तक खत्म नहीं हुई है। हाल ही में मैनपुरी गए सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का हवाला देते हुए अखिलेश यादव पर हमला बोला था और यह भी कहा कि जो अपने बाप का नहीं हुआ, वह आपका क्या होगा। इसके बाद शिवपाल ने भी नई पार्टी बनाने के साफ-साफ संकेत दिए। हालांकि जिस तरह भाजपा के प्रति पिछड़ों का झुकाव बढ़ा है उससे यह भी कयास लग रहे हैं कि शिवपाल सपा छोड़ सकते हैं।
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इसके पहले मुलायम सिंह यादव के पुत्र प्रतीक यादव और पुत्रवधू अपर्णा यादव ने भी योगी से मुलाकात की। जब मुख्यमंत्री वीवीआइपी गेस्ट हाऊस में रहते थे तब एक सुबह प्रतीक और अपर्णा उनसे मिलने गए थे। इसके बाद योगी अपर्णा यादव की देखरेख में चलने वाले पशुओं के आश्रयगृह कान्हा उपवन भी गए। कान्हा उपवन में अपर्णा ने योगी के कामकाज की खूब सराहना की। तब विधानसभा चुनाव में लखनऊ के कैंट क्षेत्र से सपा की उम्मीदवार रहीं अपर्णा ने अपनी हार के पीछे कुछ 'अपनों' को ही जिम्मेदार ठहराया था।
शिवपाल की कल की मुलाकात के बाद योगी के प्रति समाजवादी कुनबे के बढ़ते लगाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कहा यह भी जाने लगा है शिवपाल के प्रभाव वाले विधायकों का भी भाजपा से संपर्क बना हुआ है।
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चर्चा में गोमती रिवर फ्रंट की जांच
मुख्यमंत्री ने गोमती रिवर फ्रंट की जांच के आदेश दिए हैं। इसकी जांच के लिए समिति गठित हो गई है। इस आदेश के बाद यह चर्चा भी तेज हो गई कि प्रोजेक्ट में कुछ अधिकारियों ने नियमों की ऐसी-तैसी करके सरकारी धन की बंदरबांट की। उन अधिकारियों पर सिंचाई मंत्री रहते शिवपाल का वरदहस्त रहा। जाहिर है कि जांच की आंच कई प्रमुख लोगों पर आनी है, इसलिए भी योगी से शिवपाल की मुलाकात के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। यह अलग बात है कि भ्रष्टाचार के मामले में योगी का रुख कड़ा है।
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