Note ban: 1000-500 के नोट बंद होने से कम हो गई शराब की बिक्री
शौकीन लोगों ने शराब की दुकानों से मुंह ही मोड़ लिया है। शहरों के साथ ही कस्बों में सूरज ढलने के बाद शराब की दुकानो पर नशे के शौकीन लोगों की भीड़ व लाइनें दिखनी कम हो गयी हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराब बंद करने के लिए कानून लाना पड़ा लेकिन उत्तर प्रदेश में शराब की बिक्री इन दिनों अपने आप कम हो गई है। देश में पांच सौ तथा हजार रुपये के नोट बंद होने के बाद प्रदेश में अब शराब की बिक्री 40 प्रतिशत कम हो गई है। शराब दुकानों के बाहर विभिन्न प्रकार के लुभावने ऑफर के पंपलेट भी चिपके हैं। इसके बाद भी इन दिनों बिक्री मंद पड़ गई है।
एक हजार तथा पांच सौ रुपये के नोट बंद होने के कारण शौकीन लोगों ने शराब की दुकानों से मुंह ही मोड़ लिया है। प्रदेश में शहरों के साथ ही कस्बों में सूरज ढलने के बाद शराब की दुकानो पर नशे के शौकीन लोगों की भीड़ व लाइनें दिखनी कम हो गयी हैं। अब दुकानों पर इक्का दुक्का ग्राहक ही आ रहा है। प्रदेश का आबकारी विभाग भी परेशान है क्योंकि उसके राजस्व में भी भारी गिरावट हो रही है।
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देश में आठ नवंबर की रात को जब प्रधानमंत्री ने पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाया था तब रात साढ़े आठ बजे से रात 11 बजे तक लोगों ने पुराने नोटो से काफी मात्रा में शराब खरीदी थी। जो लोग चूक गये थे वह अब पैसे न होने की वजह से शराब की दुकानों पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
विभाग के अधिकारी बताते हैं कि नौ नवंबर से शराब की बिक्री में करीब चालीस फीसदी की कमी आ गई है। शराब के साथ ही बीयर की बिक्री पर भी नोट बंद होने का असर देखा जा रहा है। नोट की बंदी की मार अंग्रेजी के साथ ही देशी शराब की बिक्री पर भी पड़ी है।
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आबकारी विभाग के अधिकारी मानते हैं कि जबसे पुराने नोटों पर रोक लगी है तब से शराब की दुकानों पर सन्नाटा छाया हुआ है और शराब की बिक्री में करीब 40 प्रतिशत कमी आई है। जब शराब की बिक्री कम होगी तो सरकार को राजस्व भी कम मिलेगा। नये नोट से अभी शराब खरीदने वालों की संख्या बहुत ही कम है और पुराने नोट न लेने के निर्देश सभी शराब की दुकानों पर दे दिये गये हैं।
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आबकारी अधिकारी के मुताबिक शराब की बिक्री सामान्य होने में अभी करीब एक महीने का समय लगेगा। जब लोगों के पास नये नोट ही नहीं होंगे तो लोग शराब कहां से खरीदेंगे। इससे आबकारी विभाग को राजस्व की काफी हानि सहनी पड़ेगी। शराब के एक बड़े डीलर मानते है कि आजकल शादियों का सीजन है और इस सीजन में लोग शराब ज्यादा खरीदते थे। इस नये नोट के चक्कर में शराब का कोई बड़ा आर्डर ही नहीं मिल रहा है। जहां लोग शादी में 50 से 80 बोतल शराब ले जाते थे वहां अब दो से तीन बोतल में ही काम चला रहे हैं। इससे शराब व्यापारियों को तो भारी नुकसान हो ही रहा है। उन्होंने शादियों के सीजन को ध्यान में रखते हुये शराब की दुकान में बड़ा स्टाक लगा लिया था। अब बिक्री बहुत ही कम हो गयी है। जब बिक्री ही नहीं होगी तो सरकार को राजस्व कहां से मिलेगा।
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