राधेलाल की बर्फी जानलेवा, हल्दी-मिर्च में सिंथेटिक कलर; लैब में हुई पुष्टि lucknow news
राधेलाल स्वीट्स से लिए गए नमूनों की लैब से रिपोर्ट आई। सभी नमूने फेल पांच जीवन के लिए घातक। एसीजीएम कोर्ट में मुकदमा चलेगा।
लखनऊ, जेएनएन। जिसकी आशंका थी, नतीजे वही आए। मुनाफा कमाने की होड़ में मशहूर राधेलाल स्वीट्स ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने में भी गुरेज नहीं किया। शुक्रवार को जब राधेलाल स्वीट्स के नमूनों की रिपोर्ट आई तो खुद एफएसडीए अफसरों के होश उड़ गए। मिल्क बर्फी में इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वालाा सोडियम सल्फाइट आयन मिला। जबकि हल्दी और मिर्च मेें प्रतिबंधित सिंथेटिक कलर की पुष्टि हुई। खाद्य पदार्थ में इनकी मिलावट सेहत के लिए घातक है। इसीलिए सभी फेल नौ नमूनों में पांच को एफएसडीए ने भी जानलेवा बताया है।
तीन सितंबर को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने राधेलाल स्वीट्स पर छापा मारकर भयानक गंदगी के बीच बन रही मिठाइयों के नौ नमूने जांच के लिए उठाए। फास्ट ट्रैक लैब से नमूनों की जांच कराई गई, जिसकी शुक्रवार को रिपोर्ट आई। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार मिश्र के मुताबिक, लैब से जो रिपोर्ट मिली हैं हम उनका आंकलन कर रहे हैं। नौ में से सभी नमूने फेल पाए गए हैं। पांच नमूने अनसेफ निकले हैं जो वाकई चिंताजनक हैं। इसके अलावा चार नमूने अधोमानक एवं मिथ्याछाप पाए गए हैं।
नमूने जो फेल पाए गए
1- पिसी हल्दी - प्रतिबंधित रंग बटर यलो पाया गया - असुरक्षित
2 - मिल्क बर्फी- फूड इंडस्ट्री में प्रतिबंधित सोडीयम व सल्फाइट आयन मिला - असुरक्षित
3 - मिर्च पाउडर - प्रतिबंधित रंग सूडान दो और तीन मिला- असुरक्षित
4 - घी -कीट अवशेष मिले- असुरक्षित
5 - कमल मिठाई - प्रतिबंधित सोडियम व सल्फाइट आयन मिला - असुरक्षित
6 - तिरंगा मोदक मिठाई - मिस ब्रांड
7 - अमृत खट्टा - मिस ब्रांड
8 - सौंफ - मिसब्रांड व अधोमानक
9 - सोडियम हाइड्रो सल्फाइट -मिस ब्रांड
खतरनाक केमिकल से ताजी रखी जा रही थीं मिठाइयां
लंबे समय तक मिठाइयों को ताजा रखने और उनको किसी तरह की बदबू या दूसरे कारणों से खराब होने से बचाने के लिए राधेलाल के यहां प्रतिबंधित सोडियम हाइड्रो सल्फाइड मिलाया जा रहा था। छापे के दौरान बड़ी मात्रा में सोडियम हाइड्रो सल्फाइड बरामद हुआ था। इसके मिल्क बर्फी और दूसरी मिठाइयों में मिलाने की पुष्टि हुई है।
सिंथेटिक कलर से चमका रहे थे मसाले
राधेलाल के यहां मिले मिर्च और हल्दी में भी प्रतिबंधित सिंथेटिक कलर की पुष्टि हुई है। मिर्च पाउडर में सूडान मिलने से भी अधिकारियों को हैरानी हुई। सूडान दो और तीन कलर को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है लेकिन, इसके बावजूद राधेलाल स्वीट्स के यहां मिर्च में इसका इस्तेमाल हो रहा था।
घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर किया जा रहा था गुमराह
राधेलाल स्वीट्स के यहां चार नमूने मिस ब्रांड और अधोमानक पाए गए हैं। इसका मतलब है कि मिठाइयों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और पैकेजिंग पर दर्ज सूचनाएं भ्रामक थीं। मतलब, जिस गुणवत्ता का दावा कर मिठाई बेची जा रही थी वह मानकों पर खरा नहीं पाई गईं।
संचालक को नोटिस, करा सकता है रेफरल जांच
लैब रिपोर्ट आने के बाद एफएसडीए ने राधेलाल स्वीट्स को धारा 46 (4) के तह नोटिस जारी किया है। केंद्रीय खाद्य प्रयोगशाला से संचालक नमूनों की रेफरल जांच करा सकता है। इसके लिए 30 दिनों का समय दिया गया है। अपील की सूरत में केंद्रीय प्रयोगशाला से रिपोर्ट आने तक कार्रवाई लंबित रहेगी।
हो सकता है आजीवन कारावास
खाद्य सुरक्षा अधिनियम नियमावली के मुताबिक, असुरक्षित श्रेणी में आजीवन कारावास तक हो सकता है। दरअसल, यह दो श्रेणियों में रखा जाता है। मिलावट से सेहत को खतरा हो लेकिन जान जाने का नहीं। इसमें आरोपी को तीन वर्ष कैद और पांच लाख जुर्माने का प्राविधान है। वहीं मिलावट के चलते जीवन को खतरा हो तो फिर उस दशा में आजीवन कारावास तक का प्राविधान है।
25 तक निलंबित है लाइसेंस
किचन में गंदगी और प्रतिबंधित केमिकल मिलने पर पहले ही खाद्य लाइसेंस को 25 तक निलंबित किया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए विधिक सलाह ली जा रही है।
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