Rajnath Singh: …तो इसलिए बन जाते हैं मंत्री, अटल के खासमखास होने के अलावा इन फैसलों के लिए भी जाने जाते हैं राजनाथ
Modi Cabinet Ministers 2024 - उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के अलावा केंद्र में गृह मंत्री व रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके राजनाथ सिंह का लखनऊ से पुराना जुड़ाव इस लिहाज से भी रहा है क्योंकि वह महोना विधानसभा (अब बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र में शामिल) से 1993 में भाजपा के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़े थे।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। Rajnath Singh | केंद्र में तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनी और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। लखनऊ संसदीय सीट से तीसरी बार जीत हासिल करने वाले राजनाथ सिंह ने लखनऊ को कर्मभूमि बनाया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा केंद्र में गृह मंत्री व रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके राजनाथ सिंह का लखनऊ से पुराना जुड़ाव इस लिहाज से भी रहा है, क्योंकि वह महोना विधानसभा (अब बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र में शामिल) से 1993 में भाजपा के टिकट पर विधायकी का चुनाव लड़े थे, लेकिन सपा उम्मीदवार राजेंद्र यादव से 12 हजार मतों से चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी लखनऊ के लोगों के बीच उनकी सक्रियता बनी रही थी।
1974 में राजनीति में प्रवेश
2014 में उन्होंने लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर अटल बिहारी वाजपेयी की सीट पर भाजपा का दबदबा बरकरार रखा था। इसके बाद लखनऊ से उनका जुड़ाव और भी बढ़ गया था। सिर्फ उनका ही नहीं, उनके दोनों बेटों का भी लखनऊ से खासा लगाव है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में राजनीति का ककहरा सीखने के बाद उन्होंने 1974 में राजनीति में प्रवेश किया था और मिर्जापुर से 1977 में विधायक चुने गए।
मार्च 1997 में उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था और उन्होंने राजनीतिक संकट के दौरान दो बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अक्टूबर 2000 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, इससे पहले नवंबर 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री बने। 2003 में राजनाथ सिंह केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री बने।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पार्टी की विचारधारा को देश को कोने-कोने में जन-जन तक पहुंचाने का काम किया था। बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों और आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरों के मुद्दे को उठाते हुए कई राज्यों में भारत सुरक्षा यात्रा भी शुरू की थी। वह 2014 में नरेन्द्र मोदी सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री बने और 2019 में देश के रक्षा मंत्री बनाए गए थे।
मां के निधन पर भी नहीं हो सके थे रिहा
1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरफ से लगाए आपातकाल का विरोध करने पर राजनाथ सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था और दो साल तक हिरासत में रखा गया। यहां तक की मां के निधन पर भी नहीं रिहा किया गया था।
महिला आरक्षण का मुद्दा उठाया
2007 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजनाथ सिंह ने पार्टी में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव रखा था। गृह मंत्री रहते हुए 2015 में उन्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सहित सभी अर्धसैनिक बलों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी।
ये निर्णय भी महत्वपूर्ण रहे
- राजनाथ सिंह ने अगस्त 2020 में 101 रक्षा-संबंधी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था।
- भारतीय सेना में सैन्य पुलिस के कोर में महिलाओं को सिपाही के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव उनके द्वारा लिया गया था और कुल 1,700 महिला सैन्य कर्मियों की भर्ती का निर्णय भी उनके नेतृत्व में लिया गया था।
- रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद से ही एसएससी में महिला अधिकारियों का कार्यकाल दस वर्ष से बढ़ाकर 14 वर्ष करने और सेना में उनकी पदोन्नति की संभावनाओं को बेहतर बनाने जैसे कदम उठाए गए।
उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री के रूप में राजनाथ सिंह के कुछ निर्णय आज भी याद किए जाते हैं, जिसमें नकल विरोधी अधिनियम लागू करना, पाठ्यक्रम में वैदिक गणित को शामिल करना तथा इतिहास की पाठ्यपुस्तकों के विभिन्न विकृत अंशों को सही कराना था।
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