Pitbull Attack on Woman: हत्यारे पिटबुल को लेने पहुंची नगर निगम की टीम, ताला देखकर लौटी
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को कैसरबाग के बंगाली टोला में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने अपनी मालकिन को नोच नोच कर मार डाला था। कुत्ते ने शरीर पर 13 जगहों पर काटा था और पेट फाड़कर आतें तक निकाल दी थी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मालकिन को मारने वाले पिटबुल प्रजाति के कुत्ते को नगर निगम जब्त करेगा। हत्यारे पिटबुल को लेने के लिए घटना के अगले दिन बुधवार को नगर निगम की टीम बंगाली टोला स्थित घर पर पहुंची। घर पर ताला लगा होने के कारण टीम वापस आ गई। अब गुरुवार को एक बार फिर टीम उसे लाने जाएगी। पिटबुल को जब्त करने के बाद उसे कुकरैल के पास बने जरहरा राधा उपवन में रखा जाएगा। यह जानकारी पशु चिकित्सा अधिकारी डा अभिनव वर्मा ने दी।
बंगाली टोला जिस घर में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने अपनी मालकिन को मारा था। बुधवार को वहां सन्नाटा था। घर वाले अस्थियां लेकर इलाहाबाद गए तो पूरे इलाके में दहशत दिखाई दे रही। सुबह के समय हत्यारा कुत्ता छत पर ही टहल रहा था। घर के बाहर ताला था तो एक महिला अंदर थी, जो संभवत काम करने वाली थी। सुबह आसपास के लोगों को छत पर कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनाई दी थी, लेकिन फिर नहीं। संभवत गर्मी के बाद उसे ऐसी कमरे में रख दिया गया था। आसपास के निवासी कल की घटना से दहशत में हैं और वह खूंखार हो गए कुत्ते को पकड़वाने की मांग भी कर रहे हैं।
मंगलवार को कैसरबाग के बंगाली टोला में पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने अपनी मालकिन सुशीला त्रिपाठी को नोच नोच कर मार डाला था। उसने शरीर पर 13 घाव किए थे और पेट फाड़कर आतें तक निकाल दी थी। शव को देखने वालों का कहना था कि कई जगह से गोश्त भी निकालकर खा गया था।
खतरनाक किस्म 2370 कुत्ते पल रहे हैं घरों में : कुत्ता पालने के शौकीन नियमों की भी अनदेखी कर रहे हैं और नगर निगम भी लाइसेंस जारी करते समय इसकी पड़ताल नहीं करता है, जहां उसे रखा जाएगा, उससे आस-पड़ोस के निवासी कितना परेशान होंगे? उसे रखने की जगह है कि नहीं? यह एक उदाहरण हो सकता है लेकिन लाइसेंस लेकर कुत्ता पालने वालों की संख्या 4824 है। इसमें से बड़ी ब्रीड वाले कुत्तों की संख्या 2370 है। इसमे से 21 तो पिटबुल नस्ल के हैं।
यहां पर रह रहे हैं पिटबुल : आलमबाग जयप्रकाश नगर, ई-ब्लाक राजाजीपुरम, विपुल खंड, राजीव नगर घोसियाना, नीलमथा, खुर्शेद बाग, आजाद नगर कैम्वेल रोड, वृंदावन कालोनी, भपटामऊ बुद्धेश्वर मंदिर रोड, ए-ब्लाक इंदिरानगर
यह है नियम : लखनऊ नगर निगम ने श्वान के लाइसेंस, नियंत्रण और विनियम उपविधि 2003 बनाई थी। यह उपविधि नगर निगम सीमा में रहने वाले उन लोगों के लिए बनाई गई थी, जो सुरक्षा और शौक के लिए कुत्तों को पालते हैं। इसमें नगर निगम की कई शर्तों के साथ लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। यह लाइसेंस भी तब मिल पाएगा, जब नगर निगम दी गई शर्तों के अनुपालन होने से संतुष्ट हो जाएगा।
इसमे खास नियम यह है कि कोई भी अपने श्वान को इस प्रकार से रखेगा या बांधेगा कि उसके पड़ोसी या किसी अन्य को श्वान से कोई आपत्ति न हो। नियम है कि लाइसेंस के साथ एक मेटल का टोकन भी दिया जाएगा, लेकिन नगर निगम की तरफ से कोई टोकन नहीं दिया जाता है।
वास्तविकता यह है कि नगर निगम सिर्फ वैक्सीनेशन का कार्ड होने पर ही लाइसेंस जारी कर देता है। इस कारण वे शहरवासी परेशान रहते हैं, जिसके पड़ोस में ये खूंखार कुत्तों को पाला जाता है और ऐसी शिकायतें भी नगर निगम में पहुंचती रहती हैं।
नगर निगम से जारी लाइसेंस
- कुल लाइसेंस 4824
- विदेशी बड़ी ब्रीड 2370
- लेब्राडोर 603
- जर्मन शेफर्ड 518
- गोल्डन रिटीवर 347
- राटविलर 178
- डाबरमैन, पिटबुल, साइबेरियन हकी, बाक्सर कुल 724
- विदेशी छोटी ब्रीड 1328
- देशी ब्रीड 1126