Vice President Election 2022: NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन देंगी बसपा प्रमुख मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को औपचारिक रूप से समर्थन देने की घोषणा कर दी है। मायावती के इस कदम से विपक्ष में हलचल मच गई है। बसपा सुप्रीमों ने इससे पहले भी NDA के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार को समर्थन दिया था।
लखनऊ, जेएनएन। Vice President Election 2022 बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को समर्थन देने का फैसला किया है। मायावती ट्वीट कर इसकी औपचारिक घोषणा भी कर दी है। मायावती ने कहा कि व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को ध्यान में रखते हुए बसपा ने ये निर्णय लिया है। बसपा प्रमुख के इस बयान के बाद विपक्षी खेमे में हलचल बढ़ गई है।
मायावती ने ट्वीट कर दी जगदीप धनखड़ को समर्थन देने की घोषणा
- बसपा सुप्रीमों मायावती (Mayawati) ने ट्वीट करते हुए कहा कि सर्वविदित है कि देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में सत्ता व विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने की वजह से ही इसके लिए फिर अन्ततः चुनाव हुआ।
- अब ठीक वही स्थिति बनने के कारण उपराष्ट्रपति पद के लिए भी दिनांक 6 अगस्त को चुनाव होने जा रहा है।
- बीएसपी ने ऐसे में उपराष्ट्रपति पद (Vice President Election 2022) के लिए हो रहे चुनाव में भी व्यापक जनहित व अपनी मूवमेन्ट को भी ध्यान में रखकर जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को अपना समर्थन देने का फैसला किया है तथा जिसकी मैं आज औपचारिक रूप से घोषणा भी कर रही हूं।
विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा को बनाया है उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार
- उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है। उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए 6 अगस्त को वोट पड़ेंगे। मतों की गणना भी उसी दिन होगी।
- उप राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया है। विपक्षी दलों ने मार्गरेट अल्वा को प्रत्याशी चुना है। मार्गरेट अल्वा भी राज्यपाल रह चुकी हैं।
बता दें कि इससे पूर्व एनडीए ने जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था तब भी बसपा प्रमुख मायावती ने ही सबसे पहले उन्हें समर्थन देने का एलान किया था।
उस समय मायावती ने कहा था कि द्रौपदी मुर्मू (राष्ट्रपति) को समर्थन देते हुए कहा था कि सिर्फ अनुसूचित जनजाति की महिला होने की वजह से ही उनकी पार्टी ने मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन देने का एलान किया।
मायावती ने यह भी कहा था कि इसे सत्ताधारी बीजेपी या एनडीए की हिमायत के तौर पर नहीं देखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बसपा ने ये फैसला स्वतंत्र होकर किया है। ये न सत्तापक्ष के समर्थन में है न विपक्ष के खिलाफ।
- Rohit agarwal (@rohitagarwal85) 3 Aug 2022