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वाह रे रेलवे ! नहीं मिला टॉयलेट में पानी तो 40 मिनट तक कैद रहा रेल यात्री

ट्रेन 19037 अवध एक्सप्रेस बांद्रा से लखनऊ की ओर आ रही थी। यात्री ने निवृत्त होकर फ्लश चलाया तो उसमें भी पानी नहीं मिला। हाथ वॉश करने तक के लिए पानी नहीं था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 10:52 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 11:30 AM (IST)
वाह रे रेलवे ! नहीं मिला टॉयलेट में पानी तो 40 मिनट तक कैद रहा रेल यात्री

लखनऊ(जेएनएन)। मुंबई से अवध एक्सप्रेस में सफर कर रहे यात्री को उसकी शौचालय में अपने को 40 मिनट तक कैद रखना पड़ा। यात्री शौचालय गया था, तभी बोगी का पानी खत्म हो गया। लखनऊ में पानी भरा गया। तब जाकर यात्री शौचालय से बाहर निकल सका।

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ट्रेन 19037 अवध एक्सप्रेस बांद्रा से लखनऊ की ओर आ रही थी। सोमवार सुबह जब ट्रेन कानपुर से लखनऊ रवाना हुई तो इसकी स्लीपर क्लास बोगी एस-सात में सफर कर रहे यात्री राज शौचालय चले गए। निवृत्त होने के बाद उन्होंने नल खोला तो उसमें पानी ही नहीं था। फ्लश चलाया तो उसमें भी पानी नहीं मिला।

वॉश बेसिन भी सूखा रहा। इसके बाद राज ने भीतर से कई यात्रियों को आवाज लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। करीब आधा घंटे बाद जब उनके दोस्त को कुछ गड़बड़ी की आशंका हुई तो वह शौचालय के पास आए। यहां उनको भीतर से राज ने बताया कि वह बाहर नहीं निकल सकता है। राज ने रेल मंत्री के ट्विटर अकाउंट पर तुरंत शिकायत दर्ज कराई। ट्रेन लखनऊ पहुंची तो यहां पानी भरा जा सका। तब जाकर राज शौचालय से निकल सके। इसके अलावा कई ट्रेनों की बोगियों में भी पानी के लिए यात्री बेहाल रहे।

आरडीएसओ करेगा दो रूटों पर ट्रेन 18 का ट्रायल

बिना इंजन के पटरियों पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से दौड़ने के लिए पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन तैयार हो गई है। मेक इन इंडिया के तहत 16 बोगियों वाली टेन 18 बिना इंजन के दौड़ेगी। इस ट्रेन को दौड़ाने से पहले अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) दो रूटों पर 80 दिन तक ट्रायल करेगा। इसके लिए आरडीएसओ के निरीक्षण निदेशालय की टीम चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) भेजी जाएगी।

आरडीएसओ के नवनियुक्त महानिदेशक वीरेंद्र कुमार ने सोमवार को बताया कि ट्रेन 18 सेल्फ प्रोपल्सन सिस्टम से दौड़ेगी। इसकी हर बोगियों केनीचे ट्रैक्शन मोटर होगी। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री से यह ट्रेन 15 अक्टूबर को बाहर निकलेगी। आरडीएसओ के ट्रायल के बाद सबसे पहले इसे दिल्ली-भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस की जगह चलाया जाएगा। ट्रेन 18 का ट्रायल दो रूटों पर होगा। पहले मुरादाबाद से सहारनपुर के बीच ट्रेन का ट्रायल 115 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से होगा। जबकि दूसरा ट्रायल आगरा से बीना केबीच 180 किलोमीटर प्रतिघंटे से होगा। ट्रायल सफल होने पर इसे 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से दौड़ने का फिटनेस दिया जाएगा। ट्रेन का डिजाइन एयरोडायनेमिक नोज जैसा है। यह ट्रेन पूरी तरह एसी होगी।


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