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पीस पार्टी से चुनाव लड़ने वाला ऑनलाइन ऐसे कर रहा था ठगी, गिरोह समेत अरेस्ट

ओएलएक्स पर दिया था विज्ञापन। पाच आरोपित गिरफ्तार। करोड़ों की ठगी। 46 मोबाइल फोन, 561 सिम कार्ड व तीन लैपटॉप समेत बड़ी मात्र में माल बरामद।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 11:35 AM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 11:38 AM (IST)
पीस पार्टी से चुनाव लड़ने वाला ऑनलाइन ऐसे कर रहा था ठगी, गिरोह समेत अरेस्ट
पीस पार्टी से चुनाव लड़ने वाला ऑनलाइन ऐसे कर रहा था ठगी, गिरोह समेत अरेस्ट

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। चिनहट पुलिस ने शुक्रवार को ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के पाच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपित ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों के जरिए फर्जी विज्ञापन दिखाकर लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुके हैं। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, पकड़े गए गिरोह का सरगना मऊ के मुबारकपुर विधानसभा से पीस पार्टी के टिकट पर विधायक का चुनाव भी लड़ चुका है। सभी अलग-अलग शहरों में रहकर गिरोह का संचालन कर रहे थे। एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स ने बताया कि ठगी आरोपित ऑफिस खोलकर ठगी का काम कर रहे थे। पकड़े गए लोगों में मूलरूप से छत्तीसगढ़ के बरदुली पिपरिया कवर्धा निवासी कुमार साहू, कमता चिनहट निवासी पुष्पेंद्र तिवारी, गद्दी केराकत जौनपुर निवासी मनोज यादव, दरियापट्टी, चिरैयाकोट मऊ निवासी अविनाश यादव और दुर्गापुरी कॉलोनी चिनहट निवासी आदित्य सिंह शामिल हैं। कुमार साहू यहा चिनहट के छोटा भरवारा में रहकर गिरोह चला रहा था। वहीं पीस पार्टी से एमएलए का चुनाव लड़ने वाला अविनाश यादव दिल्ली के महंगे होटलों में रहकर गिरोह का संचालन करता था। अविनाश ने ठगी के रुपयों से चुनाव लड़ा था, लेकिन असफलता मिलने के बाद मऊ में कई लोगों से ठगी कर दिल्ली भाग गया था। सीओ गोमतीनगर दीपक कुमार के मुताबिक आरोपितों ने छह अलग-अलग बैंकों में कई खाते खोल रखे थे। इनमें आइसीआइसीआइ, कोटल म¨हद्रा, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया समेत अन्य शामिल हैं। सभी बैंकों में खाते फर्जी नाम व पते पर खोले गए थे। यही कारण है कि पीड़ित आरोपितों तक नहीं पहुंच पाते थे। गिरोह को दबोचने में इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह, इंस्पेक्टर राम बहादुर सिंह, दारोगा भूटान सिंह, दारोगा अभिषेक तिवारी, सिपाही वीरपाल, शोएब, विकास, राजेश, सचिन, ज्योति व दीपाली ने अहम भूमिका निभाई। एसएसपी के मुताबिक गिरोह के सरगना अविनाश को दबोचने के लिए पुलिस टीम ने दिल्ली में जाल बिछाया। बाट रखे थे अलग-अलग काम

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पाचों आरोपितों ने अलग-अलग काम बाट रखे थे। कुमार साहू चिनहट से तो अविनाश दिल्ली से गिरोह संचालित करता था। वहीं पुष्पेंद्र फर्जी पहचान पत्र से बैंकों में खाता खुलवाने का काम करता था। मनोज यादव फर्जी आइडी पर विभिन्न मोबाइल कंपनियों के प्री-एक्टीवेटेड सिम उपलब्ध कराता था। आदित्य सिंह भरवारा के पास स्थित समृद्धि भवन में ऑफिस से लोगों को खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहित करता था।

काली कमाई से बनवाया मकान

पुलिस के मुताबिक संगठित गिरोह के रूप में काम कर आरोपितों ने पाच साल में करोड़ों रुपये की ठगी की है। आरोपित कुमार साहू ने ठगी के रुपयों से गोमतीनगर विस्तार में मकान का निर्माण कराया था। यही नहीं उसने कार व अन्य ऐशो आराम की चीजें भी खरीद ली थी। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। आरोपितों के पास से तीन लैपटॉप, चार मॉनीटर, 46 मोबाइल फोन, आठ नेट सेटर, दो वाकी टाकी, दो वाई-फाई मॉडम, 561 सिमकार्ड, 48 रैपर, आठ बैंक पासबुक, पाच चेकबुक, 17 एटीएम कार्ड, दो मुहर, छह आधार कार्ड, 34 स्टाप पेपर व एक कार बरामद।

फर्जी विज्ञापन से करते थे खेल

आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह महंगे मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर व अन्य इलेक्ट्रानिक्स सामानों की फोटो खींचकर ओएलएक्स पर डाल देते थे। इसके बाद फर्जी विज्ञापन के जरिए लोगों को झासे में लेते थे। बातचीत के दौरान फर्जी खातों में लोगों से रुपये स्थानातरित करवा लेते थे। इन खातों के एटीएम के माध्यम से रुपये निकाल लेते थे। ठगी के बाद जिस नंबर से उनकी ग्राहकों से बात हो रही होती थी, उसे बंद कर देते थे।


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